भण्डारणकर्ता ने बेच दी उपार्जन की धान
रीवा | नईगढ़ी सेवा सहकारी समिति के खरीदी केन्द्र से उमरी कैप में भण्डारण के लिए जा रही समर्थन मूल्य पर बिक्री की गई धान में परिवहनकर्ता के ड्राइवर द्वारा धान बिक्री किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। नईगढ़ी से उमरी कैप भण्डारण के लिए भेजी गई धान में परिवहनकर्ता के ड्राइवर ने रास्ते में ट्रक में लोड की गई धान को रास्ते में बेचने के बाद ग्रामीणों ने पकड़कर संबंधित अधिकारियों को सूचना दी है। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ट्रक को जब्त कर थाने में खड़ा कर लिया है।
गौरतलब है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान के भण्डारण में जमकर अनियमितता किए जाने का वित्तीय वर्ष में यह नया मामला प्रकाश में आया है। गौर करने वाली बात यह है कि उमरी कैप में पिछले वर्ष 16 ट्रक धान के गायब होने का मामला अभी भी जांच के दायरे में है। धान उपार्जन केन्द्र नईगढ़ी से 30 दिसम्बर को उमरी कैप में भण्डारित किए जाने वाली धान नईगढ़ी से उमरी के लिए 10 बजे ट्रांसपोर्टर नारायण गुप्ता चाकघाट भवानी ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा निकला था।
गाड़ी नंबर यूपी 70 एफएफ 7549 में 8सौ बोरी धान की कुल मात्रा 320 क्विंटल उमरी कैप में भण्डारित की जानी थी। रास्ते में उक्त ट्रांसपोर्टर के चालक यादव द्वारा भीर स्टेशन में धान की बिक्री की जा रही थी। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा उसे पकड़कर संबंधित अधिकारियों को सूचना दी गई। सूचना पाते ही विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसमें यह पाया गया कि ट्रांसपोर्ट के ड्राइवर श्री यादव द्वारा 8 बोरी धान की बिक्री कर ली गई थी।
यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि खरीदी केन्द्र से भण्डारण के लिए जाने वाली धान में ट्रांसपोर्टर एवं संबंधित ड्राइवर द्वारा धान की बिक्री रास्ते में की जाती है। ऐसे में भण्डारण होने के बाद धान का शार्टेज होता है। हालांकि यह पहला मामला नहीं है। पिछले वर्ष चाकघाट से उमरी कैप में भण्डारित होने वाली धान 16 ट्रक का आज तक यह खुलासा नहीं हो सका कि वह धान कहां गई है। समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वित्तीय वर्ष 2020 की धान में सेंध लगाने वाले ट्रांसपोर्टर एवं उनके कर्मचारियों की करतूत सामने आई है।
संबंधित अधिकारियों को सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने यह पाया है कि नईगढ़ी खरीदी केन्द्र से भण्डारण के लिए उमरी कैप भेजी गई धान को रास्ते में बिक्री किया गया है। यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी इस तरह के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। लिहाजा संबंधित विभाग न तो उन ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सका है और न ही इस मामले में कोई कार्रवाई करेगा।
मौके पर पहुंचे अधिकारी
नईगढ़ी खरीदी केन्द्र से उमरी कैप के लिए भण्डारित की जाने वाली धान की 8सौ बोरी धान बिक्री किए जाने के मामले में भीर पहुंचे अधिकारियों ने यह पता लगाया है कि ट्रक में लोड की गई धान की कितनी बिक्री हो गई है। आठ बोरी धान की बिक्री के बाद उन्होंने उसका प्रकरण तो तैयार कर लिया है परंतु सबसे बड़ी बात यह है कि अगर ग्रामीणों द्वारा संबंधित ट्रक को नहीं पकड़ा जाता तो ट्रक में लदी पूरी धान को ट्रांसपोर्ट के ड्राइवर द्वारा बेच दिया जाता। माना यह जा रहा है कि खरीदी केन्द्र प्रभारी से लेकर ट्रांसपोर्टर एवं उच्च अधिकारी इस पूरे मामले में बराबर के सहभागी हैं। खास बात यह है कि वर्ष 2019 में जब 16 ट्रक धान चाकघाट से उमरी कैप के लिए भण्डारित होने के लिए रवाना की गई थी ऐसे में वह धान कहां गई, इसका खुलासा आज तक नहीं हो सका है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान एवं गेहूं के भण्डारण के लिए जो अनुज्ञप्तिधारी आॅनलाइन टेण्डर करते हैं, वह नाम बदलकर करते हैं। जिस भण्डारणकर्ता पर आक्षेप लगता है वह दूसरे नाम से उसी लायसेंस को अपने सगे संबंधियों के नाम से लेते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि भण्डारणकर्ता द्वारा जो नाम प्रस्तावित किया गया है वह उसी का है बावजूद वह भण्डारण के लिए उसकी अनुमति देते हैं। यही वजह है कि हर वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान एवं गेहूं के भण्डारण में जमकर भ्रष्टाचार किए जाने का मामला प्रकाश में आता है।
विवेचना के लिए पहुंची कई टीम
नईगढ़ी खरीदी केन्द्र से उमरी कैप भण्डारित किए जाने वाली धान को रास्ते में बिक्री करने का मामला प्रकाश में आने के बाद जिले की सभी टीम उमरी एवं नईगढ़ी खरीदी केन्द्र में पहुंच गई है। खास बात यह है कि पूर्व में भण्डारित की जाने वाली धान के गायब होने के मामले को मद्देनजर रखते हुए यह टीम पूरी विवेचना कर रही है। हालांकि अभी तक यह मालूम नहीं हो सका है कि नईगढ़ी से उमरी कैप में भण्डारित किए जाने वाली धान को बिक्री करने के मामले में किसका हाथ है। इसकी जानकारी टीम जुटाने में लगी हुई है। खाद्य नियंत्रक एमएनएच खान द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि नईगढ़ी खरीदी केन्द्र से उमरी के लिए भण्डारित किए जाने वाली धान को भीर में बेचे जाने पर ग्रामीणों ने पकड़कर संबंधित अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद टीम रवाना हुई और उसकी जांच कर रही है।
सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि संबंधित ट्रांसपोर्टर द्वारा हर साल की जाने वाली इस तरह की लापरवाही के बाद भी भण्डारण का लायसेंस उसे क्यों दिया जाता है यह जांच का विषय है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी द्वारा सख्त पहरे के बाद भी अगर ऐसा किया जा रहा है तो जिला प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करेगा यह सोचनीय पहलू है। बहरहाल संबंधित टीम के मौके पर पहुंचने के बाद जो जानकारी इकट्ठा की जा रही है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि परिवहनकर्ता जय भवानी ट्रांसपोर्टर नारायण गुप्ता चाकघाट एवं उसके ड्राइवर की मिलीभगत से धान की बिक्री की गई है।