हाईकोर्ट के आदेश पर पीएससी मेन में बैठेंगे विक्रम और अजय
रीवा | मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 2019 की प्री-परीक्षा में एक प्रश्न के अनेक उत्तर होने का लाभ रीवा के दो युवाओं को मिल गया है। कट आॅफ मार्क्स में दो अंकों से पिछड़ गए विक्रम सिंह और अजय कुमार मिश्रा 21 मार्च की मुख्य परीक्षा में बैठेंगे। दोनों को यह अवसर हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा दिए गए निर्णय से मिला है। याचिका की पैरवी अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने की थी।
हाईकोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 की प्रारंभिक परीक्षा में बैठे रघुनाथगंज के विक्रम सिंह और पारस नगर अनंतपुर के अजय कुमार मिश्रा दो अंकों से मेन परीक्षा में बैठने की पात्रता से वंचित रह गए थे। विक्रम सिंह ईडब्ल्यूएस कटेगरी में आते थे और उन्हें आवश्यक 142 अंक में से 2 नंबर कम मिले थे। जबकि अजय कुमार को 146 के स्थान पर 144 अंक प्री-एग्जाम में मिले थे। दोनों ने प्री-एग्जाम के प्रश्न क्रमांक 57 को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके आॅप्शन में दिए गए चार विकल्पों में से कई सही थे। जबकि रूल बुक को दरकिनार कर पीएससी ने चौथे क्रम के विकल्प को सही उत्तर माना था।
यह रहा याचिका का आधार
याचिका में प्रश्न क्रमांक 57 याचिका का आधार रहा। पीएससी के इस प्रश्न पत्र में 57 नंबर पर पूछा गया था कि निम्न में से कौन सा एनएच मध्यप्रदेश से नहीं गुजरता। जिसका विकल्प ए एनएच-3, विकल्प बी एनएच-12, विकल्प सी एनएच-7 और विकल्प डी एनएच-8 रहा। विक्रम सिंह ने एनएच-3 को ट्रिक किया था। जबकि अजय कुमार ने एनएच-12 को सही उत्तर बताया था। अपने तरह के इस असाधारण केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन ने प्रकरण में प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और पीएससी की रूल बुक में दर्ज प्रावधानों के आधार पर दोनों युवाओं को पीएससी की मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए लोक सेवा आयोग मध्यप्रदेश इंदौर को आदेश दिए थे।
दरअसल पीएससी की रूल बुक में स्पष्ट उल्लेख है कि एक से अधिक उत्तर सही होने पर प्रतिभागी किसी भी विकल्प को चुन सकता है और आयोग उसके उत्तर को गलत नहीं ठहरा सकता। इस दलील के आगे पीएससी के अधिवक्ता नहीं टिक सके। इस दौरान संघ लोक सेवा आयोग और सुप्रीम कोर्ट के रूल रेगुलेशन का भी हवाला दिया गया। हाईकोर्ट ने 21 से शुरू हो रही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए विक्रम सिंह और अजय सिंह को आदेशित किया है।