देवरा कोठार से लगे तीन दर्जन क्रेशर सीज
रीवा। जिले में अवैध चल रहे तीन दर्जन से ज्यादा क्रेशर को सतना एवं रीवा की सीमा में सीज कर दिया गया है। शनिवार को सतना एवं रीवा की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। बताया गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खनिज विभाग, पुलिस एवं राजस्व विभाग की टीम ने सुबह देउरा कोठार से लगे ऐसे क्रेशरों का निरीक्षण किया गया है जो अल्ट्राटेक द्वारा ली गई लीज की जमीन पर चल रहे थे। इस कार्रवाई के बाद क्रेशर माफियाओं में हड़कम्प मच गया है।
गौरतलब है कि रीवा एवं सतना जिले में अवैध रूप से चल रहे तकरीबन 5सौ क्रेशर प्लांट हैं जिनसे अवैध रूप से गिट्टी निकालकर उत्तरप्रदेश भेजी जा रही है। शनिवार को हुई कार्रवाई में बताया गया है कि अल्ट्राटेक द्वारा शासन से लीज ले ली गई है। परंतु वह जमीन जिन पट्टेदारों की है उनसे भी वह नहीं खरीद पाया है।
लिहाजा पट्टेदारों की सहमति से ऐसे क्रेशर माफियाओं ने अपने क्रेशर अल्ट्राटेक की लीज पर लगा दी है जहां से अवैध रूप से गिट्टी बनाकर उसका परिवहन किया जा रहा है। अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा लगातार की जा रही शिकायत के बाद सतना एवं रीवा की संयुक्त टीम ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की है। जिस पर रीवा की पांच एवं सतना की 40 से ज्यादा क्रेशर प्लांटों को सीज कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद क्रेशर माफियाओं में हड़कम्प मच गई है।
अवैध परिवहन की पकड़ी तीन गाड़ियां
सतना एवं रीवा की टीम जैसे ही देवरा कोठार से लगे क्रेशर प्लांटों की जांच के लिए पहुंची, इस दौरान यह पाया गया कि तीन ऐसे क्रेशर प्लांट थे जिन्हें पहले ही सीज कर दिया था। उस पर तीन गाड़ियां गिट्टी भर रही थीं। उनके पास टीपी नहीं पाई गई। ऐसे में उसे अवैध परिवहन की श्रेणी में मानते हुए जब्त कर थाने में खड़ा किया गया है। इस कार्रवाई में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय संचालक राकेश सिंह परिहार, जिला खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित के अलावा सतना जिले की टीम के सदस्य मौजूद थे।
सहमति देकर फंस गए किसान
अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को किसानों ने अपनी भूमि की सहमति लीज के लिए भले ही दे दी है परंतु कंपनी द्वारा अभी तक उन जमीनों की खरीददारी नहीं की गई है। ऐसे में किसानों के पास आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। जिन किसानों की जमीन पर अवैध रूप से क्रेशर लगाए गए हैं उन्होंने पहले तो कंपनी के अधिकारियों के हाथ-पांव जोड़े परंतु जब उनके द्वारा उस जमीन की राशि किसानों को नहीं दी गई तब उन्होंने ऐसे लोगों को अपनी जमीन की सहमति दे दी जिनसे उन्हें जमीन के बदले रुपया मिला है। वही लोगों ने वहां पर अवैध रूप से क्रेशर डालकर अवैध गिट्टी बनाने का काम शुरू किए हैं। इस जानकारी के बाद कंपनी के अधिकारियों ने इसकी शिकायत शासन से की। माना यह जा रहा है कि यह बड़ी कार्रवाई अल्ट्राटेक कंपनी के इशारे पर की गई है।