200 बॉयर की सूची में सहकारी क्षेत्र अब्वल
सतना | दिसंबर माह में सर्वाधिक यूरिया की खरीदी करने वाले किसानों के नाम वाली 20 बायर की सूची पहुंच गई है। इस बार भी निजी क्षेत्र के 2-3 नाम ही हैं जबकि शेष सहकारी क्षेत्र से हैं। खासकर मार्कफेड सिविल लाइन के हिस्से में 15 किसान आए हैं। वैसे इस बार सूची में ऐसे-ऐसे किसानों के नाम शामिल है सौ सवा सौ एकड़ रकवे में खेती करते हैं और हजार बोरी भी उनके लिये कम है। इनके नाम भी सवा से डेढ़ सौ बोरी यूरिया क्रय करना दर्ज है। यही कारण है कि इस बार की सूची में शामिल किसानों के नाम अधिकारियों को नहीं चौकाते। बहरहाल जल्द ही इस सूची का भौतिक सत्यापन शुरू होने वाला है।
15 किसान मार्कफेड के नाम
इस बार आई दिसंबर की 20 बायर की सूची में 21 किसानों के नाम शामिल हैं। इनके चार पांच ऐसे भी किसान हैं जिनके द्वारा एक से अधिक चार या पांच दुकानों से यूरिया ली गई है। वैसे विक्रे ताओं को देखें तो सूची में शामिल 21 में से सर्वाधिक 15 किसानों को मार्कफेड के सिविल लाइन स्थित डबललॉक केन्द्र से खाद ली है। इसके अलावा आईएफएफडीसी, मार्कफेड के अमरपाटन, नागौद, सतना के नाम भी है। निजी विक्रताओं में 5 के नाम हैं। समिति में सितपुरा की समिति का नाम शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि नवंबर माह की सूची के भौतिक सत्यापन का काम पहले ही पूरा हो गया था। किसानों के बयान के बाद गड़बड़ी प्रतीत होने पर संबंधित विके्रताओं के खिलाफ कार्रवाई भी जारी है।
अप्रासंगिक हो रही सूची
यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिये मई 2020 महीने से शुरू हुई 20 बायर की व्यवस्था धीरे-धीरे अप्रासंगिक हो रही है। दो तिमाही की सूची में चाय-पान और टैम्पों चलाने वाले लोगों के नाम 100 से 500 बोरी यूरिया दर्ज होना भले ही चौकाने वाली बात रही हो पर दिसंबर में आई सूची में तो ऐसे नाम शामिल है जिनके नाम सौ-सवा सौ एकड़ जमीन है और उनके नाम 100-130 बोरी यूरिया क्रय करना दर्ज है।
इनमें सतना के विक्रेद्र प्रताप सिंह, बरेठिया के जीतेन्द्र बागरी व रानी बागरी, अमरपाटन के जवाहर सिंह गहरवार जैसे नाम भी शामिल हैं। यही कारण है कि अधिकारी भी अब इस सूची में शामिल नामों की जांच पड़ताल में रुचि नहीं ले रहे। हालांकि दिसबंर की सूची के भौतिक सत्यापन के लिये कल्केटर के निर्देश पर विकासखंडवार जांच दल बनाने की तैयारी चल रही है और एक दो दिन में जांच भी शुरू हो जाएगी।
दिसंबर माह की 20 बायर की सूची कार्यालय को प्राप्त हो गई है। इसमें शामिल क्रेताओं का भौतिक सत्यापन करने का काम जल्द ही शुरू होगा। नवंबर माह की सूची का भौतिक सत्यापन हो चुका है तथा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है।
रामसिंह बागरी,
सहायक संचालक कृषि