बेला में खनिज माफिया की बाढ़, क्रेशर प्लांट भी बढ़े
रीवा | रीवा और सतना में खनिज माफिया फिर सक्रिय हुए हैं। इस समय सब की पसंदीदा जगह बेला बनी हुई है। बेला में कई नेता, अधिकारी और पूंजीपतियों ने जमीनों पर इन्वेस्ट किया है। भंडारण की अनुमति लेने के साथ ही क्रेशर भी डाल दिया है। कुछ ने अवैध तरीके से ही प्लांट स्थापित कर बिजनेस शुरू कर दिया है। क्रेशर के लिए गिट्टी अल्ट्राटेक की खदानों से ढोई जा रही है।
सूत्रों की मानें तो दो महीने में ही बेला के सतना और रीवा क्षेत्र में 50 ये 60 प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इसमें रीवा के हिस्से में यह संख्या 40 से 45 है। शेष प्लांट सतना जिले के हिस्से में चल रहे हैं। इन प्लांट को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिला हुआ है। सूत्रों की मानें तो रीवा के कई राजनीतिक पहुंच रखने वालों ने कांग्रेस सरकार का भरपूर उपयोग किया था। पार्टनरशिप में क्रेशर प्लांट तक स्थापित कर लिए हैं। कई नेता बिजनेस में हिस्सेदार बने हुए हैं। प्रदूषण विभाग ने इन अवैध क्रेशर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन दबाव में वह भी बंद कर दिया गया।
काली गिट्टी ने बढ़ाई डिमांड
बेला में खदानों का पत्थर काला है। काला पत्थर होने के कारण ही यहां क्रेशर की डिमांड बढ़ गई है। पत्थर का रंग देखकर यहां के गिट्टी की डिमांड बनी हुई है। यही वजह है कि इन्वेस्टर सारे नियम कायदे ताक पर रखकर प्लांट लगा बैठे हैं।
यूपी के कई लोगों ने किया इन्वेस्ट
बेला में इन्वेस्ट करने वाले सिर्फ सतना, रीवा के ही नहीं है। यूपी के भी कई लोगों ने क्रेशर प्लांट बिना अनुमति के डाल लिया है। स्थानीय लोगों से जमीन किराए पर लेकर अवैध कारोबार चल रहा है। बाहरी लोग यहां के स्थानीय नेताओं से सांठगांठ कर अवैध करोबार चला रहे हैं।
मैहर की टीपी से होता है परिवहन
अवैध क्रेशर से निकलने वाली गिट्टी का परमिट मैहर से कटता है। मैहर से टीपी कटवाकर लोडिंग बेला की कराई जाती है। कई क्रेशर से तो बिना टीपी के ही गिट्टी की सप्लाई की जा रही है। अवैध प्लांट संचालकों ने विभागीय अधिकारियों से भी सांठगांठ बना रखे हैं।
ट्रैक्टर से होती है सप्लाई
अवैध क्रेशर तक गिट्टी पहुंचाने के लिए संचालकों ने स्थानीय लोगों के ट्रैक्टर हायर किए हुए हंै। अवैध हथियार के दम पर अल्ट्रा टेक की खदान से ही उत्खनन कराया जाता है। यहां के पत्थर को क्रेशर में पीस कर मुनाफा कमाते हैं। बेला में अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते।