प्रदेश में फिर गिद्धों की संख्या में होगी बढ़ोत्तरी

 प्रदेश में फिर गिद्धों की संख्या में होगी बढ़ोत्तरी

17 फरवरी से  शुरू होगी गिद्धों की गणना
भोपाल। प्रदेश में इस साल 17 फरवरी से फिर गिद्धों की गणना की जाएगी। वन विभाग का मानना है कि इस साल भी गणना में गिद्धों की संख्या बढ़ने के आसार है। राज्य में 2020 के बाद से लगातार गिद्धों की संख्या बढ़ रही है, इसके पीछे वन विभाग गिद्धों के लिए किए गए संरक्षण प्रयासों को मान रहा है।
तीन दशक पहले बीमार मवेशियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डाइक्लोफेनिक दवा के चलते गिद्धों की संख्या में भारी गिरावट आई थी, लेकिन अब संरक्षण प्रयासों का असर दिखने लगा है और गिद्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस साल 17 से 19 फरवरी के बीच होने वाली गिद्ध गणना में इनकी संख्या 12 हजार से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। गिद्ध प्राकृतिक सफाईकर्मी माने जाते हैं और इकोसिस्टम के संतुलन के लिए बेहद जरूरी हैं। ये मृत जानवरों के अवशेषों को साफ कर बीमारियों के प्रसार को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं।
प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल गिद्धों की संख्या पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
लगातार बढ़ रही गिद्धों की संख्या
2020-21 में 9,446 गिद्ध, 2022-23 में 10 हजार गिद्ध, 2024 में 10 हजार से11 हजार गिद्ध थे। अब  2025 (संभावित) में इनकी संख्या बढ़कर 12 हजार हो सकती है। पिछली गणना के अनुसार राज्य के मंदसौर में  681, छतरपुर में 659, कुनो वन्यजीव अभयारण्य में 406 और  बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 229 गिद्ध थे।
प्रदेश में गिद्धों की सात प्रजातियां
दुनिया में कुल 22 प्रजातियों के गिद्ध पाए जाते हैं, जिनमें से भारत में 9 और मध्य प्रदेश में 7 प्रजातियां मौजूद हैं। प्रदेश में सफेद गिद्ध, चमर गिद्ध, देसी गिद्ध, पतल चोंच गिद्ध, राज गिद्ध, हिमालयी गिद्ध और यूरेशियाई गिद्ध प्रजाती के गिद्ध पाए जाते हैं।