बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए सरकार
हिन्दू बेचारा नहीं, हम जवाब देने को तैयार
भोपाल। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने चिंता जताई है। विहिप ने कहा कि वहां रहने वाले हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। विहिप ने भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने सीमा पर कड़ी चौकसी बरतने और किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
विश्व हिंदू परिषद के मध्यभारत प्रांत मंत्री राजेश जैन ने कहा कि बांग्लादेश में जो घटना हुई है वहां पर चुनी हुई सरकार अब सत्ता में नहीं है। वहां की तत्कालीन प्रधानमंत्री हमारे भारत में शरण लेकर बैठी है। बांग्लादेश भारत का अंग रहा है, पहले वहां 33 प्रतिशत हिंदू थे 8 प्रतिशत रह गए हैं. लेकिन वहां पर हिंदुओं की स्थिति को लेकर सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो रही है, हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, बलात्कार हो रहे हैं, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, घरों को लूटा जा रहा है। अभी वह संगठन कहां है, जो मोमबत्ती लेकर निकलते थे। हिंदुओं के लिए कोई बोलने वाला नहीं है। विश्व हिंदू परिषद केंद्र सरकार से मांग करता है बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए तत्काल कदम उठाया जाए।
जैन ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद हर स्तर पर मदद के लिए तैयार है। बांग्लादेश का ऐसा कोई जिला नहीं है, जहां पर हिंदुओं को निशाना न बनाया जा रहा हो। विश्व समुदाय की भी जिम्मेदारी है कि इस मामले में हस्तक्षेप करें। इस परिस्थिति में सीमाओं को सील किया गया है, लेकिन घुसपैठ की कोशिश जारी है। सेना भी मुस्तैद है और विश्व हिंदू परिषद भी पूरी तैयार है। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक इस बात को पूरी दुनिया को समझना चाहिए।
फिलिस्तीन के लिए झंडा फहराने वाले मौन क्यों ?
जैन ने कहा कि मुसलमानों से संबंधित संगठन आखिर आज क्यों चुप है, अब उनके मुंह में दही क्यों जमा है ? अपने आप को देश का हितैषी और विश्व में सामाजिक संगठन बताने वाले मुस्लिम समुदाय आज क्यों एक बात भी नहीं कर रहे हैं। समाज के लिए रोने वाले फिलिस्तीन के लिए झंडा फहराने वाले मौन क्यों हैं ? वहीं राजेश जैन ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर भी पलटवार किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सज्जन वर्मा ऐसे खतरनाक और घटिया बयान दे रहे हैं। देश के लिए सहानुभूति नहीं रख सकते तो अपनी जुबान पर ऐसे शब्द भी न लाएं।