हवाई पट्टी ने पी लिया कई लीटर पानी, नई जांच समिति ने शुरू की जांच
सतना | भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के लिए सतना से लेकर भोपाल तक कुख्यात हो चुके लोक निर्माण विभाग के कामों की जांच उच्चाधिकारियों ने शुरू कर दी है। बुधवार को लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र के चीफ इंजीनियर ज्ञानेश्वर उइके अधीक्षण यंत्री बीके झा के साथ यहां के निर्माण कार्यों की जांच करने पहुंचे। जांच अधिकारी हवाई पट्टी की जांच के दौरान तब हैरान रह गए जब हवाई पट्टी की पोरसिटी मापने के लिए पटटी पर पानी डाला गया।
बताया गया कि पानी डालते ही कई लीटर पानी हवाई पट्टी ने सोख लिया। जानकारों के अनुसार हवाई पट्टी में गिरा पानी यदि बहने के बजाय यदि पट्टी द्वारा ही सोख लिया जाता है तो इससे स्पष्ट है कि एयरस्ट्रिप के निर्माण में तकनीकी चूक हुई है। जांच अधिकारियों ने हवाई पट्टी की जांच करने के अलावा उन सड़कों की भी जांच की जिन सड़कों को लेकर विधायकों ने सदन में सवाल दागे थे।
अनुबंधित सड़कों के पैच की पेंच
निरीक्षण करने सतना पहुंचे चीफ इंजीनियर के समक्ष अनुबंधित सड़कों के पैचवर्क कराने का मामला भी सामने आया है । बताया जाता है कि अनुबंधित सड़कों में पैचवर्क का काम दिखाकर 2-2 लाख रूपए के कई भगतान नियमविरूद्ध किए गए हैं। खासकर मझगवां अनुविभाग व सतना संभाग में लाखों का वारान्यारा कियागया है। बताया जाता है कि ठेकेदार व अधिकारी मिलकर नियम विरूद्ध लाखों रूपए हड़प चुके हैं जबकि अनुबंधित सड़कों के पैचवर्क का जिम्मा संविदाकार का होता है। यदि विभाग द्वारा की की जाने वाली लोकल खरीदी और ऐसे कामों की जांच कराई जाय तो पीडब्लूडी विभाग में करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है।
ईई का सैंपल फेल हुआ तो नमूना लेने पहुंची टीम
बताया जाता है कि कार्यपालन यंत्री बीके विश्वकर्मा इसके पूर्व हवाई पट्टी का नमूना लेकर लैब भेज चुके हैं लेकिन इस मामले में ईई द्वारा गैर वैज्ञानिक तरीके से लिए गए नमूने को अमान्य कर दिया गया है और जांच टीम को नमूने लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच टीम बुधवार को हवाई पट्टी पहुंची भी है जिसने प्रथम दृष्टया ही संविदाकार स्वप्निल सिंह व वीरासिटी इंटरप्राइजेज के काम की गड़बड़ी भांप ली है। हालांकि जांच टीम को पूर्व भी भांति ही शीशे में उतारने की कवायद भी शुरू है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नई जांच टीम जांच के वास्तविक तथ्यों को उजागर कर दोषियों को दंड निर्धारित करा पाती है अथवा पूर्व की जांच टीम की तरह बिनाजांच रिपोर्ट दिए ही मैदान छोड़ती है?
निलंबित उपयंत्री का भोपाल में डेरा
अनियमितताओं के मामले में निलंबित किए गए उपयंत्री एके निगम रीवा में पदस्थ नरेंद्र शर्मा केसाथ भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। बताया जाता है कि लोक निर्माण विभाग के अला अधिकारियों से जुगाड़ जमाकर एक बार पुन: घर वापिसी की तैयारी कर रहे हैं। इस काम में एक विधायक भी उनकी मदद कर रहे हैं।
एसडीओ बृजेश की निगरानी में बनी सड़कों की जांच
बुधवार को सतना पहुंचे रीवा परिक्षेत्र के चीफ इंजीनियर ज्ञानेश्वर उइके ने हवाई पट्टी की गुणवत्ता जांचने के साथ ही उन सड़कों की भी जांच की जिन सड़कों को लेकर विधायकों ने सवाल दागे थे। मे.एएएस ग्रुप द्वारा 127.03 लाख की लागत से बनाए जा रहे 2.3 किमी सगौनी-जेपी सीमेंट प्लांट रोड की जांच की गई। उपयंत्री बीडी चौरसिया व एसडीओ बृजेश सिंह के अधीन बनी इससड़क के संबंध में 21 सितंबर को पत्र क्र/449कार्य/2020-21/ सतना के जरिए विभाग के आला अधिकारियों को दी गई रिपोर्ट बताती है कि प्लान वर्क में अर्थवर्क, सीआरए,डब्लूएम,प्राइम कोट,ओजीपीएस व शील कोट की मात्रा का प्रावधान होने के बावजूद 50 से 60 फीसदी डामरीकरण का काम ध्वस्त हो चुका है।
इसी प्रकार उपयंत्री एके निगम व एसडीओ बृजेश सिंह की निगरानी में पूर्ण की गई सकरिया-सरवहना सड़क मार्ग की निरीक्षण रिपोर्ट भी संविदाकारों पर स्थानीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी की पोल खोलती है। रिपोर्ट केअनुसार 79.14 लाख की लागत से निर्मित इस सड़क का 50 से 60 फीसदी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा सड़क चलने लायक नहीं बची है। इसी प्रकार उपयंत्री शिवेंद्र द्विवेदी व एसडीओ बृजेश सिंह की देखरेख में बनी सतना-सेमरिया मार्ग का निरीक्षण भी किया । 28 सितंबर को पत्र क्र./485 कार्य/2020-21/सतना के हवाले से दी गई रिपोर्ट के अनुसार 579.13 लाख की लागत से 41.20 किमी लंबी सतना-सेमरिया सड़क मार्ग का उन्नयन कार्य जून में समाप्त हुआ ।
इस सड़क में टेककोट, बीयूएसजी,बीएम, बीसी, हार्ड शोल्डर,डब्लूूएमएम व सीआरएम का प्रावधान होने के बावजूद न केवल जगह-जगह पाट होल्स निर्मित हो गए थे जिन्हें संविदाकार द्वारा दुरूस्त करायागया है। जांच टीम ने बीटी रिव्युनल के तहत बनाई गई रिंग रोड का भी निरीक्षण किया । उपयंत्री गोविंद सिंह व एसडीओ बृजेश सिंह की निगरानी में बनी रिंग रोड का निर्माण कार्य 4 दिसंबर 2019 को पूर्ण हुआ जिसकी परफार्मेंस अवधि 3 दिसंबर 2022 तक निर्धारित की गई थी लेकिन यह सड़क गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की पोल खोलते हुए एक साल के भीतर ही ध्वस्त हो गई। हालांकि बाद में नोटिस मिलने के बाद यहां का काम कराया गया जिसकी जांच करने टीम पहुंची।
सूत्रों के अनुसार रिंग रोड वसतना-सेमरियासड़क की जांच के दौरान चीफ इंजीनियर के साथ पूर्व कार्यपालन यंत्री एचएल वर्मा व वर्तमान कार्यपालन यंत्री बीके विश्वकर्मा साथ थे जबकि अन्य सड़कों के निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता वीके झा मौजूद रहे। दिलचस्प बात यह रही कि अनियमितताओ,अनुशासनहीनता व भ्रष्टाचार को लेकर चर्चाओं में रहे एसडीओ बृजेश सिंह की देखरेख में बनी अधिकांशसड़कों की जांच हुई है। इन सड़कों को लेकर विधानसभा में भी मामला गूंज चुका है।
हवाई पट्टी और सड़कों का निरीक्षण किया गया है। तकनीकी रिपोर्ट आए बिना कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
ज्ञानेश्वर उइके, चीफ इंजीनियर रीवा