सिवनी गौवंश हत्याकांड की जांच के लिए गठित की टीम
भोपाल। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में 50 गौवंश की हत्या के मामले को मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। वहीं अब तक गिरफतार किए गए पांच आरोपियों में से दो पर रासुका की कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। उन्होंने कहा कि सिवनी में हुए नृशंस गोवंश हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच हेतु एडीजी (सीआईडी) पवन श्रीवास्तव एवं टीम घटना स्थल पहुंच रही है। पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर, दो आरोपियों पर एनएसए (रा.सु.का) लगाया गया है, घटना में संलिप्त प्रत्येक आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में गौमाता के खिलाफ कोई भी अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दरअसल, गुरुवार को सिवनी जिले के धूमा मझगवां और धनौरा में नदी और तालाबों के पास गोवंशों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम, एसपी और कलेक्टर मौके पर पहुंचे। मवेशियों के शव को देखकर लग रहा था कि 50 से ज्यादा मवेशियों की हत्या की गई है। सभी के गले रेत कर हत्या की आशंका जताई जा रही है।
दिग्विजय ने उठाए थे सवाल
सिवनी की इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार के दावे के उलट लगातार प्रदेश में गायों के कंकाल मिले रहे है। यह भाजपा की वह सरकार है जो गौ मांस निर्यात वाले कंपनियों से चंदा लेते हैं। गौ मांस निर्यात वाले कंपनियों से आप चंदा लेकर चुनाव लड़ते हो उनमें से तो किसी को पकड़ो। दिग्विजय ने सवाल उठाते हुए कहा कौन गौ हत्या कर रहा है, गौ मांस निर्यात करने वाले तो आईडेंटिफाई हैं उनको क्यों नहीं पकड़ते हो। पूरे भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता इसमें शामिल हैं।