चार लाख से ज्यादा किसानों पर डिफाल्टर होने का खतरा
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश के चार लाख इक्कीस हजार किसानों पर डिफाल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि इन किसानों ने उपार्जन केंद्र में गेहूं बेचने के बाद 2.25 लाख किसानों से लोन की रकम तो ले लिया था, लेकिन आखिरी तारीख होने के बावजूद यह राशि लोन अकाउंट में नहीं जुड़ी। इन किसानों को लेकर सरकार ने समय रहते फैसला नहीं लिया तो कांग्रेस विरोध में सड़क पर उतरेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में 4.21 लाख किसानों पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। इन किसानों ने उपार्जन केंद्र में गेहूं बेचने के बाद 2.25 लाख किसानों से लोन की रकम तो ले ली गई, लेकिन आखिरी तिथि होने के बावजूद यह रकम लोन अकाउंट में नहीं जुड़ी। आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल 15 लाख किसानों ने गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। सिर्फ 6.15 लाख ही उपार्जन केंद्रों में गेहूं बेचने पहुंचे। इनमें से भी सिर्फ 1.94 लाख किसानों की ही राशि लोन अकाउंट में जमा हुई है। बड़ा सवाल यह है कि बचे हुए 4.21 लाख किसानों की राशि जमा नहीं हुई या उसको लेकर भी कोई असमंजस है। इस सरकारी अव्यवस्था के बाद अब यदि यह तारीख भी नहीं बढ़ाई गई, तो किसान डिफॉल्टर हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बता रही हैं कि पिछले साल प्रदेश में डिफॉल्टर किसानों की संख्या 12 लाख थी, जिसमें इस साल 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस चौंकाने वाले आंकड़े पर भाजपा सरकार जवाब देने की स्थिति में नहीं है।
डिफाल्टर घोषित किया तो आंदोलन
पटवारी कहा कि भाजपा सरकार भूले नहीं कि किसानों के लिए अल्पकालीन फसल ऋण की देय तारीख बढ़ाकर 31 मई की थी। तय समय सीमा में कर्ज जमा करने वाले किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज लगेगा। एक दिन भी ज्यादा होने पर पूरे साल का 14 प्रतिशत ब्याज वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी लापरवाही की कीमत किसान कब तक चुकाएगा? किसानों की यह भी मांग है कि लोन राशि खरीदी के दौरान ही क्यों काटी जा रही है, उसे केसीसी में डाल दिया जाए। किसान खुद कर्ज चुका देगा। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि किसान हित के इस जरूरी फैसले को गंभीरता से लें और तत्काल तिथि फिर से आगे बढ़ाएं। यदि किसानों को जबरन डिफाल्टर घोषित किया गया, तो कांग्रेस को उनके साथ सड़क पर उतरना पड़ेगा।