स्टार गेस्ट- विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने कहा-, बिजली का बिल हाफ करना था, सरकार ने बजट ही हाफ कर दिया

सतना। प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री और वर्तमान में रीवा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा सें विधायक राजेन्द्र शुक्ल शुक्रवार को पार्टी के धरना-प्रदर्शन की अगुवाई करने सतना आए। इस दौरान उन्होंने स्टार समाचार परिसर में बतौर गेस्ट चर्चा के लिए समय दिया। विधायक शुक्ल ने कमलनाथ सरकार के कामकाज को लेकर कई सवाल खड़े किए। किसानों, औद्योगिक निवेश, बिजली-सिंचाई से संबंधित सवालों के जवाब दिए। कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के रवैए पर भी चिंता व्यक्त की। प्रस्तुत हैं विधायक राजेन्द्र शुक्ल से बात-चीत के अंश-

स्टार- बिजली की मौजूदा स्थिति पर आपने कई सवाल खड़े किए हैं। कहां गड़बड़ी है?
शुक्ल- प्रदेश में सरकार बनने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिजली के बिल हाफ करने का वादा प्रदेश की जनता से किया था। लेकिन, उन्होंने तो बिजली का बजट  ही हाफ कर दिया।  जब भाजपा की सरकार थी हम बिजली विभाग को 10 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देते थे। क्यों कि, बिजली कंपनी का घाटा पूरा करने का काम और दायित्व सरकार का है। उसके बाद भी आम उपभोक्ता को सरकार सस्ती बिजली देती थी। लेकिन, कांग्रेस की सरकार ने  सब्सिडी आधी  करके सिर्फ 48सौ करोड़ कर दिया। बिजली भी आधी अधूरी मिल रही है। उत्पादन भी कम हुआ है। बिजली को लेकर प्रदेश के हालात कांग्रेस की सरकार में ठीक नहीं हैं।

स्टार- धान खरीदी के मामले में किसानों की शिकायतें हैं। बड़ी संख्या में किसान धान समर्थन मूल्य पर नहीं बेच सके?
शुक्ल- सच तो यह है कि, कांग्रेस की सरकार की नीयत ही नहीं है कि वो किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करे। कांग्रेस सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदना ही नहीं चाहती।अंदाजा इससे लगाएं कि, पहले तो देर से खरीदी शुरू की गई। उसमें भी अव्यवस्थाएं रहीं। फिर समय से पहले ही खरीदी बंद कर दी गई। 17 जनवरी से बारदाना होने के बहाने खरीदी केन्द्रों में धान नहीं ली गई। आज भी सैकड़ों किसान टोकन लिए ट्रैक्टर में धान भरे खरीदी केन्द्रों में चक्कर काट रहे हैं।

ऐसी स्थितियां इस लिए पैदा की गर्इं कि, मजबूर होकर किसानों को व्यापारियों के यहां सस्ते में धान बेचना पड़े। हैरानी की बात है कि, सरकार अच्छी वर्षा, सिंचाई के साधनों और संसाधनों के कारण हुए बंपर उत्पादन को लकर हर सवाल खड़े कर रही है। जबकि, यह सब हमने पिछले 15 साल के शासन में परिश्रम करके तैयार किया है। हम विंध्य को पंजाब बनाने का सपना देख रहे थे। जब वह पूरा होने को आया तो कांग्रेस की सरकारसवाल करने लगी।

स्टार- सीएए को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। क्या कोई राजनैतिक प्रश्रय मानते हैं?
शुक्ल- राजनैतिक प्रश्रय इस बात से समझाा जा सकता है कि, सन 2003 में कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी से बांग्ला देश और पाकिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने पर सहमति मांगी थी। वही काम अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो कांग्रेस और उसके समर्थक विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। हालांकि,देश की जनता अब समझ गई है कि उन्हें बहकाया जा रहा है।

स्टार- क्या मौजूदा सरकार के मंत्री विंध्य के विकास की अनदेखी कर रहे हैं?
शुक्ल- प्रदेश में आर्थिक अनुशासन बिगड़ गया है। इस सरकार की सोच ही विकास की नहीं है। सिर्फ विंध्य ही नहीं पूरे प्रदेश का विकास नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री कहते हैं खजाना खाली है। हमारी मान्यता है कि, खजाना खाली होने ही बेहतर परफॉमेंस का सबूत है। अगर खजाना खाली न हो तो वो नान परफॉमेंस वाली सरकार है। जनहित मं खजाना खाली करना ही सरकार का दायित्व है। खजाना इसलिए भी खाली है कि, पहले सरकार  की साख अच्छी थी उसे जहां से चाहती थी पैसा मिल जाता था। लेकिन, कांग्रेस सरकार की साख ठीक नहीं है। इसलिए उसे कोई पैसा देना नहीं चाहता।

स्टार- प्रदेश में निवेश के लिए मैग्निसिफिकेंट एमपी और किए जा रहे प्रयासों पर क्या कहेंगे?
शुक्ल- कांग्रेस की सरकार ने बीते एक साल में विकास के लिए कुछ नहीं किया। बल्कि, हमने कई चीजें उन्हें विरासत में दीं है। जैसे प्रदेश में इंडस्ट्रियल लैंड बैंक  1.30 लाख एकड़ सन 2016 में ही बनाया जा चुका है। बिजलीके मामले में भी हम तीन साल पहले ही पॉवर सप्लायर स्टेट का दर्जा हासिल कर चुके हैं। फोरलेन सड़कें एनएचआई से बनी और बन रही हैं। यह सब हम कमलनाथ सरकार के बनने से पहले ही कर चुके हैं।