सब्जी दुकान से बेंच दी सवा 2 करोड़ की निर्माण सामग्री
सतना | पंचायती राज व्यवस्था में भ्रष्टाचार किस प्रकार से फलता-फूलता है, इसकी एक बानगी देखनी हो तो शनिवार को स्टेट जीएसटी टीम द्वारा नागौद ब्लाक अंतर्गत बंडी गांव में की गई कार्रवाई को देखिए जहां एक सब्जी विक्रेता के नाम पर जीएसटी नंबर लेकर सब्जी दुकान से ही करोड़ों की निर्माण सामग्री कागजों में सप्लाई कर दी गई।
स्टेट जीएसटी की टीम ने शनिवार को नागौद ब्लाक अंतर्गत स्थित बंडी गांव निवासी एक गरीब सब्जी विक्रेता के घर पर छापे की कार्रवाई की। आरोप है कि सब्जी विक्रेता ने अपनी फर्म के नाम पर आसपास की पंचायतों को चार सालों में 2.28 करोड़ से अधिक की निर्माण सामग्री की सप्लाई तो की पर जीएसटी नहीं चुकाया। छापे के दौरान कोई दुकान नहीं मिली। बाद में पता चला कि सारा खेल गांव के ही सरपंच पति और दूसरी पंचायत में रोजगार सहायक के रूप में काम करने वाले प्रभावशाली व्यक्ति ने गरीब सब्जी विक्रेता के नाम पर खेला था। बहरहाल कथित आरोपी कोरोना पाजिटिव होने के चलते क्वारंटीन है लिहाजा जांच रोक दी गई है।
स्टेट टैक्स विभाग के निशाने पर लगातार सरकारी महकमों में सामग्री की सप्लाई करने वाले कारोबारी हैं और जुलाई से लेकर अब तक सतना राज्यकर संभाग और सतना एईबी दो दर्जन से अधिक छापे मारकर 25 से 30 करोड़ रुपये का टैक्स जमा करा चुका है। इसी मुहिम के तहत शनिवार को राज्यकर आयुक्त के निर्देश पर संभागीय संयुक्त आयुक्त राममिलन साहू के मार्ग दर्शन में बंडी में छापा मारा गया। गांव के नंदू सेन के नाम से वेदान्ता इन्टरप्राइजेज जीएसटी में पंजीकृत है। टीम को मौके पर कोई दुकान नहीं मिली। कथिच फर्म संचालक ने बताया कि वह तो सब्जी बेचता है।
यह फर्म तो गांव के ही प्रभाकर उर्मलिया चलाते हैं। बहरहाल सब्जी विक्रेता के घर से दस्तावेज आदि बरामद किये गये हैं। राज्यकर विभाग के सतना सर्किल-2 के राज्यकर अधिकारी केपी सिंह के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में सहायक आयुक्त मनोरमा तिवारी, राज्यकर अधिकारी एन्टी इवेजन ब्यूरो सतना अमित पटेल, निरीक्षक संजीव त्रिपाठी, मोनिका वर्मा, सविता रावत, कराधान सहायक सुभाष सिंह, विनीश गर्ग, पुष्पेन्द्र गौतम, अनुपम दाहिया तथा सिंहपुर थाने का पुलिस स्टॉफ शामिल रहा।
गरीब के नाम पर ऐसे हुआ खेल
बताते है कि सिंहपुर थाना ब्लाक नागौद निवासी नंदू सेन के नाम से सतना सर्किल दो में वेदान्ता इन्टरप्राइजेज जीएसटी में पंजीकृत है। इस फर्म द्वारा पिछले चार सालों में 2 करोड़ 27 लाख 85 हजार की निर्माण सामग्री के बिल काटे और भुगतान खाते में प्राप्त किया। इसमें जीएसटी की देनदारी 63 लाख 80 हजार थी जो अदा नहीं की गई। छापे में जो बात सामने आई उसके अनुसार बंडी गांव निवासी प्रभाकर उर्मलिया ग्राम पंचायत शिवराजपुर में रोजगार सहायक तथा इनकी पत्नी रैना उर्मलिया ग्राम पंचायत बंडी की वर्तमान संरपंच हैं।
फर्म का पूरा काम कागजों में ही सही पर प्रभाकर ही देखते थे और इनके द्वारा ही ग्राम पंचायत बंडी तथा शिवराजपुर सहित अन्य आस-पास की ग्राम पंचायतों में कागजों पर मटेरियल की सप्लाई की गयी। टीम ने फर्म संचालक के घर के बाहर कार्रवाई पूरी की। वहां बयान लेने के बाद जब प्रभाकर के घर गये तो वहां ताला लगा मिला। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि प्रभाकर ने एक आलीशान घर नागौद में जनपद पंचायत के सामने बना रखा है और कोरोना पाजिटिव होने के चलते नागौद के घर में ही क्वारंटीन है लिहाजा फिलहाल कार्रवाई रोक दी गई है। नागौद जनपद के पंचायतों में निर्माण सामग्री सप्लायरों के यहां एक माह में हुई यह तीसरी छापे की कार्रवाई है।
राज्यकर आयुक्त के निर्देश पर बंडी में छापे की कार्रवाई शुरू की गई है। अभी तक फर्म द्वारा 2 करोड़ 27 लाख सेअधिक के लेनदेन और 63 लाख 80 हजार के कर अपवंचन की पुष्टि हुई है। जांच में कई तथ्य सामने आए हैं जिनकी जांच की जा रही है। कार्रवाई अभी सोमवार को जारी रहेगी।
राममिलन साहू, प्रभारी
संयुक्त आयुक्त राज्यकर सतना