संघ कार्यालय से हटाई सुरक्षा, 15 साल से तैनात से एसएएफ जवान
भोपाल। राजधानी स्थित संघ कार्यालय समिधा पर पंद्रह सालों से तैनात सुरक्षा कर्मचारियों को हटा लिया गया। संघ कार्यालय में क्षेत्रीय पदाधिकारी रहते हैं, इसके अलावा भाजपा संगठन के पदाधिकारी, मंत्री विधायकों और मुख्यमंत्री का भी वहां समय-समय पर जाना होता रहता है।
राजधानी के ई-2 अरेरा कॉलोनी स्थित संघ कार्यालय समिधा पर करीब पंद्रह सालों से एसएएफ के जवान सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे। ये कर्मचारी संघ कार्यालय के बाहर टेंट लगातार सुरक्षा में तैनात रहते थे। कार्यालय की सुरक्षा के लिए हमेशा एसएएफ के पांच जवान तैनात रहा करते थे। इन जवानों को पुलिस ने वहां से हटा लिया है। पुलिस का तर्क है कि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद यहां तैनात किए जवानों को हटाया गया है। वहीं दूसरी और संघ पदाधिकारियों का कहना है कि यह फैसला संघ की सहमति से ही लिया गया है। सुरक्षा में तैनात किए गए जवानों को हटाने को लेकर संघ पदाधिकारी अधिकृत रूप् से कुछ नहीं कह रहे हैं और ना ही इसका विरोध भी किया जा रहा है।
भोपाल कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र का कहना है कि जिन स्थानों पर पुलिस सुरक्षा दी गई है, हम उनकी समीक्षा कर रहे हैं। जहां पर सुरक्षा की जरूरत नहीं है, वहां से सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो फिर हम वहां सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराएंगे।
पूर्व सरसंघचालक सुदर्शन के लिए बढ़ाई थी सुरक्षा व्यवस्था
समिधा आरएसएस का मध्य क्षेत्र (यानी संपूर्ण मध्यप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़) मुख्यालय है। 2009 में तत्कालीन सरसंघचालक केएस सुदर्शन ने पद से निवृत्त होने की घोषणा के बाद राजधानी स्थित समिधा को अपना निवास स्थान बनाने का फैसला लिया था। उसी दौरान कार्यालय का रिनोवेशन भी हुआ था। सुदर्शन को राज्य सरकार ने विशेष सुरक्षा प्रदान की थी। इसी वजह से यहां एसएएफ के गार्ड तैनात किए गए थे। 15 सितंबर 2012 को उनके निधन के बाद भी यह जवान वहां तैनात रहे हैं। 2019 में भी कमलनाथ सरकार के दौरान अप्रैल 2019 में यहां से सुरक्षा में तैनात जवानों को हटाया गया था। तब तर्क दिया था कि चुनाव के कारण यह व्यवस्था की है, चुनाव कार्य में जवानों की तैनाती की जा रही है। उस वक्त संघ पदाधिकारियों ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संघ कार्यालय पर सुरक्षा व्यवस्था को यथावत रखने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से अब तक वहां सुरक्षा मुहैया कराई जा रही थी।