SGMH: बगैर लाइसेंस संचालित हो रहा सतना ब्लड बैंक

रीवा | संजय गांधी अस्पताल में खुले सतना ब्लड बैंक की गुणवत्ता सवालों से घिर गई है। दरअसल रीवा जिले में बिना लाइसेंस के ही सतना ब्लड बैंक को संचालित किया जा रहा है। यह गड़बड़ी पिछले करीब चार सालों से चल रही है। लेकिन इस ओर स्वास्थ्य विभाग का ध्या नहीं गया।  हैरानी की बात यह है कि एसजीएमएच प्रबंधन ने उसे परिसर में ही काउंटर खोलने की अनुमति दे दी है। जबकि स्थानीय चिकित्सक ही उसके ब्लड को दूषित व इंफेक्टेड बता कर चढ़ाने से इंकार कर देते हैं। ऐसे में साफ है कि प्रबंधन अपनों को उपकृत करने के लिए सतना ब्लड बैंक को काउंटर खोलने की अनुमति दे दी गई है।

उल्लेखनीय है कि सतना ब्लड बैंक का एक काउंटर रीवा के संजय गांधी अस्पताल में खुला हुआ है। इसे मेडिकल स्वाशासी समिति ने काउंटर खोलने के लिए करीब चार वर्ष पहले दी थी। लेकिन इन सबके बीच चौकाने वाली बात यह है कि रीवा में ब्लड बैंक संचालित करने के लिए सतना ब्लड बैंक के पास अनुमति ही नहीं है। बावजूद इसके न सिर्फ संचालन की अनुमति दी गई है, बल्कि संजय गांधी अस्पताल में काउंटर खोलने के लिए उसे जगह भी दे दी गई है।

इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के पास भी है, लेकिन वह अस्पताल में ब्लड बैंक संचालित होने के कारण कार्रवाई करने से कतराते रहते हैं। खास बात यह भी है कि चिकित्सक सतना ब्लड बैंक के खून को लेने से साफ इंकार कर देते हैं। कई बार ऐसा मामला सामने भी आ चुका है। चिकित्सकों का कहना रहता है कि सतना ब्लड बैंक का खून इंफेक्टेड होता है, जिसको चढ़ाते ही मरीज की हालत बिगड़ जाती है। बावजूद इसके सतना ब्लड बैंक का काउंटर एसजीएमएच में चार वर्षोँ से संचालित हो रहा है, यह बात समझ से परे है।

6 से 10 हजार में बेचता है ब्लड
सूत्रों की माने तो सतना ब्लड बैंक का जो काउंटर एसजीएमएच में खुला है, वहां पर सीधे तौर पर खून का सौदा किया जाता है। बाहर से आने वाले मरीजों को 6 से लेकर 10 हजार रुपये में एक यूनिट ब्लड बेचा जाता है। खून का दाम उसके ग्रुप पर निर्भर करता है। जो ग्रुप जितना रेयर होता है, उसका दाम उतना ही अधिक निर्धारित किया गया है। हालांकि सतना ब्लड बैंक के काउंटर से इसकी रसीद नहीं दी जाती है।

चार वर्ष पहले दी गई थी अनुमति
दरअसल संजय गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी के चलते सतना ब्लड बैंक को संचालित किए जाने की अनुमति दी गई थी। उसे यह अनुमति वर्ष 2017 में तत्कालीन डीन डॉ. पीसी द्विवेदी के कार्यकाल में दी गई थी। स्वाशासी समिति की बैठक में भी यह प्रस्ताव पास हुआ था। इस दौरान शर्त रखी गई थी कि सतना ब्लड बैंक अस्पताल में भर्ती मरीजों को खून उपलब्ध कराएगा। इसकी एवज में उसे केवल प्रोसेसिंग फीस वसूलने का अधिकार रहेगा। इसके अतिरिक्त राशि मरीजों से नहीं वसूल सकेगा। लेकिन सतना ब्लड बैंक सारे नियमों को ताक पर रख कर वसूली कर रहा है।

तीन चार साल पहले सतना ब्लड बैंक को अनुमति दी गई थी। खून की दलाली कम करने और खून की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई थी। अब उसके पास अलग से लाइसेंस है या नहीं। इसकी जांच कराउंगा यदि नियम विरुद्ध तरीके से काउंटर खोला गया है तो उसे तत्काल ही बंद करा दिया जाएगा।
डॉ एसपी गर्ग, अधीक्षक, संजय गांधी अस्पताल, रीवा