किशोरी की मौत के बाद सुपर स्पेशलिटी में बवाल

रीवा | विंध्य की सबसे बड़ी अस्पताल सुपर स्पेशलिटी में गुरुवार को उस समय हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई, जब दो दिन पूर्व की गई वायोप्सी के बाद एक किशोरी की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अधीक्षक आॅफिस के सामने हंगामा कर दिया। दरअसल 23 फरवरी को सुहानी विश्वकर्मा पिता जनीस विश्वकर्मा उम्र 15 वर्ष ग्राम खौर को सिर में दर्द होने के बाद भर्ती कराया गया था। किशोरी के ब्रेन का एमआरआई करने के बाद चिकित्सकों ने ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी होने की बात परिजनों को बताई थी। 

परिजनों द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि चिकित्सक डॉ. रंजीत झा द्वारा यह बताया गया था कि उसकी वायोप्सी की जाएगी। छोटा सा चीरा लगाया जाएगा और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी। जबकि 14 मार्च को सुहानी विश्वकर्मा की वायोप्सी की गई और उसकी दो दिन में ही मौत हो गई।

वायोप्सी के बाद चली गई कोमा में
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती सुहानी विश्वकर्मा की वायोप्सी के लिए 14 मार्च को नार्मल आॅपरेशन किया गया, जिसके बाद वह कोमा में चली गई। आॅपरेशन के बाद लगातार उसकी पल्स गिरती रही, यहां तक कि उसकी बीपी मशीन में नहीं बता रही थी। डॉ. रंजीत झा से कई बार परिजनों ने आरजू मिन्नत की परंतु वह उसे देखने एक दिन के अलावा नहीं गए। इतना ही नहीं उनके बंगले पर पहुंचे परिजनों को वह झिड़ककर भगा दिए। दो दिन बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ऐसी स्थिति में परिजनों ने डॉ. रंजीत झा पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उनके पिता जनीस विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि भर्ती करने के बाद भी वह सुहानी को दिखाने उनके बंगले में ले गए थे, जहां पर उनसे चार सौ रुपए फीस ली गई थी। उसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ।

प्रबंधन की समझाइश के बाद माने परिजन
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चौथे मंजिल पर अधीक्षक आॅफिस के सामने परिजन एकत्रित होकर चिकित्सक पर संगीन आरोप लगाए। इस दौरान अस्पताल के अधीक्षक एके श्रीवास्तव ने डॉ. रंजीत झा को बुलाकर परिजनों से बात कराई। चिकित्सक द्वारा बताया गया कि सुहानी को ब्रेन ट्यूमर था, जिसे नहीं बचाया जा सकता था। ट्यूमर की वायोप्सी के लिए छोटा सा आॅपरेशन किया गया था। आॅपरेशन के बाद रात में उसे अचानक मिर्गी का दौरा आया और उसे संभाल नहीं पाए ऐसी स्थिति में उसकी मौत हो गई। काफी कहासुनी के बाद प्रबंधन की समझाइश से परिजन सुहानी की डेड बाडी लेकर दोपहर को अपने गांव चले गए।