जनता का रुख तय करेगा पृथक विंध्य का औचित्य: विस अध्यक्ष
रीवा | विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा है कि पृथक विंध्य प्रदेश के मामले में जनता का रुख अहम होगा। इस मुद्दे को इस लिहाज से देखने की जरूरत है कि पूर्व विंध्य प्रदेश की वर्तमान जनता की राय क्या है। उन्होंने कहा कि इसे 80 या 90 के दशक से जोड़कर देखने की बजाय 1956 की स्थितियों का पुनरअध्ययन करना होगा। श्री गौतम मैहर विधायक का नाम लिए बगैर कहा कि पृथक विंध्य को लेकर कतिपय आवाजें आ रही हैं। ऐसा लगता है कि कुछ लोग अपना राजनीतिक वजूद अथवा खुद का वर्चस्व कायम करने की कोशिश में यह आंदोलन कर रहे हैं।
यह हमारा विषय नहीं है लेकिन मेरे पास कुछ लोग इस जानकारी के साथ आए थे कि कभी विधानसभा में 98-99 में एक अशासकीय संकल्प पृथक विंध्य के निर्माण को लेकर पारित हुआ था, जिसे केन्द्र सरकार को भेजा गया है। लोग यह भी कह रहे हैं कि यह संकल्प तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष की पहल पर पारित कर उस वक्त की अटल सरकार के पास भेजा गया था, जब छत्तीसगढ़ और उत्तराखण्ड, झारखण्ड जैसे छोटे राज्य बने थे। विधानसभा अध्यक्ष श्री गौतम ने कहा है कि वे विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि उस वक्त का अशासकीय संकल्प और उससे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी, दस्तावेज खोजबीन कर उनके समक्ष पेश करें। उन्होंने कहा कि महाकौशल, बुंदेलखण्ड में भी इस तरह की मांग समय-समय पर उठती हैं। ऐसे में तमाम जनप्रतिनिधियों और समाज सेवियों को वहां के लोगों से भी मिल बैठकर पृथक विंध्य पर एक आम राय बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
रीवा को लज्जित नहीं होने देंगे
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे अपने संवैधानिक दायित्व से इतर कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे रीवा को लज्जित होना पड़े। श्री गौतम ने कहा कि वे रीवा को लज्जित नहीं होने देंगे बल्कि इसका मस्तक ऊंचा रखने की कोशिश करेंगे। अपनी अनौपचारिक प्रेस-वार्ता में श्री गौतम ने कहा कि विंध्य क्षेत्र में विशेषकर रीवा जिले में एक कैंसर इंस्टीट्यूट की महती आवश्यकता है। जिसके लिए उन्होंने पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और अन्य सहयोगियों से बात की है।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में सर्वाधिक कैंसर के मरीज पाए जाते हैं। लिहाजा सुपर स्पेशलिटी में कैंसर संस्थान खोलने की पहल की जाएगी। यही नहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उच्च चिकित्सकीय ज्ञान के लिए एक प्रशिक्षण केन्द्र भी रीवा में अनिवार्य है। कृषि और रोजगार के क्षेत्र में रीवा व विंध्य को सशक्त बनाने की आवश्यकता बताते हुए श्री गौतम ने कहा कि आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों की अपेक्षा इस क्षेत्र को भी है जिसके लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे।
विस में नवाचारों की दी जानकारी
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधायकों के लिए शुरू किए गए नवाचार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा में पहली बार निर्वाचित होकर पहुंचे विधायकों को अपनी बात रखने के लिए पृथक से एक दिन तय किया गया है। श्री गौतम ने बताया कि चालू सत्र में 15 मार्च को नए विधायक अपने प्रश्न और समस्याओं को बेझिझक रखेंगे। इस नवाचार की खास बात यह है कि पार्टी का कोई भी वरिष्ठ विधायक उनके लिए निर्धारित प्रश्नकाल में दखल नहीं देगा। अभी तक ऐसे नए विधायकों की आवाज दब जाती थी अथवा लॉटरी सिस्टम में उनका नाम बाहर हो जाता था।
श्री गौतम ने बताया कि अब से हर विधानसभा सत्र में एक दिन नए विधायकों के लिए रहेगा और उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसका मकसद केवल उन्हें संसदीय कार्य प्रणाली में दक्ष बनाना है। इसके अलावा विधानसभा में पत्रकारों की समिति में रीवा के पत्रकारों का नाम नहीं होने का जिक्र करते हुए श्री गौतम ने स्पष्ट किया है कि इस मर्तबा रीवा के पत्रकारों का भी वर्चस्व उस समिति में होगा। वार्ता में प्रदेश मंत्री राजेश पाण्डेय व जिला अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह भी मौजूद थे।