आधी रात सरकारी आवासों पर चली बिल्डर्स की जेसीबी

रीवा | शहर के खन्ना चौराहा में नृत्य राघव मंदिर की भूमि पर अब माफिया की नजर गड़ गई है। मंदिर की भूमि पर बने सरकारी आवासों को तोड़ने की कवायद में मंगलवार की आधी रात ठेकेदार ने अपनी जेसीबी लगा दी। ताज्जुब की बात यह है कि प्रशासन ने उन आवासों को जर्जर भवन में चिन्हित किया है जो लोक निर्माण विभाग के दस्तावेज में गुड कंडीशन बताए गए हंै। खन्ना चौराहा में बने शासकीय भवनों में पांच ऐसे आवास हैं जो मंदिर की भूमि पर हैं। ऐसे में उन आवासों को नियमानुसार नहीं तोड़ा जा सकता है। बावजूद जिला प्रशासन के इशारे पर गिराए जा रहे भवनों से 60 परिवार बेघर हो जाएंगे।

पुनर्घनत्वीकरण योजना से शहर के खन्ना चौराहा स्थित बनाए जाने वाले भवनों के नाम पर मल्टी काम्पलेक्स का निर्माण किया जाना है। शासकीय आवासों को जर्जर भवन दिखाकर तोड़ने का फरमान जारी कर दिया गया है। ताज्जुब की बात यह है कि जिन भवनों को जिला प्रशासन तोड़ने जा रही है उनमें पांच ऐसे आवास हैं जो नृत्य राघव मंदिर की भूमि पर बने हुए हैं।  ऐसे में मंदिर की भूमि एवं वहां पर बनाए गए भवनों को नियमानुसार तोड़ना गैर कानूनी है। बावजूद जिला प्रशासन के इशारे पर ठेकेदार भवनों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार की रात डिस्मेंटल की जिम्मेदारी ले चुके इस्तियाक खान ने जेसीबी लगाकर कुछ आवासों को गिरा दिया है।

हाईकोर्ट में दायर है जनहित याचिका
मंदिर की भूमि पर बने भवनों को जर्जर की श्रेणी में दर्ज कर गिराए जाने की प्रक्रिया के पहले मंदिर प्रबंधन ने जिला न्यायालय सहित हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर रखी है। ऐसे में जब तक न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है, आवासों को नहीं गिराया जा सकता। डिस्मेंटल का ठेका ले चुके इस्तियाक खान द्वारा भवनों को गिराने की जल्दबाजी की जा रही है जो न्यायालय का अपमान है। हालांकि उन भवनों को जिला प्रशासन को भी गिराने का अधिकार नहीं है जो मंदिर की जमीन पर बनाए गए हैं, भले वह शासकीय आवास क्यों न हों।

8.47 एकड़ है मंदिर की भूमि
नृत्य राघव मंदिर के नाम राजस्व अभिलेखों में 8.47 एकड़ भूमि दर्ज है। खसरा के कॉलम नं. 2 में भूमि स्वामी मंदिर श्री भगवान नृत्य राघव शरण घोघर रीवा, प्रबंधक कलेक्टर रीवा दर्ज है। जिसमें भू-मापन क्रमांक 243 रकबा 0.648, 244 रकबा 0.142, 245 रकबा 0.688, 392 रकबा 0.364, 393 रकबा 0.129, 395 रकबा 0.065, 396, रकबा 0.028 एवं क्रमांक 397 रकबा 1.445 हेक्टेयर दर्ज किया गया है।

आरटीआई की जानकारी में हुआ खुलासा
नृत्य राघव मंदिर की भूमि पर बने शासकीय आवास सहित जिन अन्य आवासों को ध्वस्त किया जाना है, उसके असलियत की जानकारी के लिए लगाई गई आरटीआई में जो जानकारी सामने आई है, वह चौंकाने वाली है। बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि सुरेन्द्र कुमार साकेत, केके अवस्थी, एनके पाठक, अनिल कुमार चतुर्वेदी, नरेन्द्र पाण्डेय को आवंटित आवास के वाल्स, फ्लोर, डोर, वाटर शिफ्टिंग के कॉलम में गुड लिखा गया है।

ऐसे में उक्त कार्रवाई जिला प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है। बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 1 रीवा के खन्ना चौराहा स्थित शासकीय आवासों के संबंध में कंडीशन के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत चिंतामणि द्विवेदी द्वारा जानकारी मांगी गई थी, जिसके बाद यह खुलासा हुआ है। अब सबसे बड़ा प्रश्न यह खड़ा होता है कि भरी बरसात एवं कोरोना संक्रमण के दौरान आवंटित आवास में रहने वाले कर्मचारियों का परिवार कहां रहेगा। वहीं मंदिर की भूमि पर बने मकानों को तोड़ना क्या न्यायोचित होगा, यह सबसे बड़ा अहम सवाल पैदा हो गया है।

विभाग ने बताया गुड कंडीशन
खन्ना चौराहा स्थित जिन शासकीय भवनों को डिस्मेंटल किया जाना है, पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी दस्तावेजों में गुड कंडीशन दर्शा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यह खड़ा होता है कि जिसे विभाग के आला अधिकारी अच्छी स्थिति में होना बता रहे हैं उसे जर्जर की श्रेणी में किसके इशारे पर दर्ज कर दिया गया। सूची बनाए जाने के बाद आवंटित शासकीय आवास को खाली कराने का फरमान भी जारी कर दिया। खन्ना चौराहा के शासकीय भवनों में रह रहे कर्मचारियों के लिए भरी बरसात में भवन खाली करना सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है।