फिर ठगे गए शहरवासी: 31 मार्च भी निकल गया पूरा नहीं हुआ फ्लाईओवर

सतना | पिछले पांच सालों से फ्लाईओवर बनने की उम्मीदें पाले शहरवाशियों की उम्मीदें एक बार फिर से धराशायी हो गई हैं। 31 मार्च को पांचवां एक्सटेंशन भी पूरा हो गया,लेकिन फ्लाई ओवर का काम अभी भी अधूरा है। गौरतलब है कि शहर के अंदर सेमरिया चौराहे में लगभग 1100 मीटर लम्बे और 7.7 मीटर चौड़े फ्लाईओवर के निर्माण का काम स्काई लॉर्क इन्फ्रा को 2016 में दिया गया था। उस समय प्रोजेक्ट की लागत 36 करोड़ रूपए थी और इस कार्य को अगले 24 माह में पूरा करना था लेकिन आज इसकी लागत 54 करोड़ रूपए हो गई है और पांच साल पूरे होने को है इसके बावजूद काम अधूरा है। बताया जाता है कि भुगतान की समस्या के कारण फिलहाल काम बंद है। अभी चार स्लैब पर कंक्रीट का काम नहीं हो पाया है। सिर्फ सर्किट हाउस की तरफ स्टील के गार्डर के एक स्लैब पर कांक्रीट बिछाई जा सकी है। 

18 करोड़ बढ़ी लागत
फ्लाई ओवर के शुरूआती प्रोजेक्ट की बात करें तों, जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था उस समय स्टील गार्डर का प्रावधान नहीं था। बाद में प्रजेक्ट में इसे जोड़े जाने के कारण इसकी लागत 18 करोड़ रूपए अतरिक्त बढ़ गई है। संविधान निर्माता भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को न हटाना पड़े इसके लिए सेमरिया चौक में स्टील के गार्डर लगाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि करीब 1100 टन के स्टील का उपयोग यहां किया जा चुका है।  

राजधानी तक में बदनामी, फिर भी किसी को चिंता नहीं 
12 जून को हुई दिशा के बैठक के दौरान फ्लाईओवर की धीमी प्रगति पर सांसद और कलेक्टर ने बेहद नाराजगी जाहिर की थी। बैठक में तो यहां तक कहा गया था कि फ्लाईओवर का जिस तरह से निर्माण चल रहा है उससे सतना की बदनामी प्रदेश भर में हो रही है। इसको लेकर राजधानी में तरह- तरह के सवाल किए जा रहे हैं। बैठक के दौरान फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने जिस तरह की संवदनशीलता दिखाई थी उसके बाद उम्मीद जागी थी कि जल्द ही इसका निर्माण पूर्ण हो जाएगा लेकिन एक और समय -सीमा बीत गई पर फ्लाईओवर आज भी हवा में लटक रहा है। 

फ्लाईओवर का काम तो महज एक माह का बचा है लेकिन धन संकट की वजह से फिलहाल काम बंद हैं। लगभग 12-13 करोड़ का भुगतान बकाया है। भुगतान होने के साथ ही काम पूरा हो जाएगा। संविदाकार ने अभी एक्सटेंशन का आवेदन नहीं दिया है। इससे पहले कितनी बार एक्सटेंशन मिला है याद नहीं। 
देवयानी सिंह, एसडीओ ब्रिज कॉर्पोरेशन