ग्राम पंचायत बरौं के सरपंच सचिव पर एफआईआर दर्ज

रीवा | पंचायतों में विकास के लिए आने वाली शासकीय राशि का जिले के कई सरपंच-सचिवों द्वारा व्यापक पैमाने पर अनियमितता की है। जनपद पंचायत सिरमौर के ग्राम पंचायत बरौं में बगैर निर्माण के आहरित की गई लाखों रुपए की राशि की शिकायत के बाद सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े के निर्देश पर की गई  जांच में सरपंच एवं सचिव को वित्तीय गंभीर अनियमितता का दोषी पाया गया था। ऐसे में सीईओ जिपं द्वारा कई बार वसूली योग्य राशि जमा करने के निर्देश दिए गए लिहाजा सरपंच एवं सचिव द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई। ऐसे में गंभीर अनियमितता के दोषी पाए जाने पर सरपंच श्रीमती विनीता पटेल एवं सचिव शैलेन्द्र सिंह पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। 

गौर करने वाली बात यह है कि बरौं ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा पीसीसी सड़क, हैण्डपम्प एवं कार्यालयीन व्यय के लिए जिस राशि का आहरण किया गया था, वह कार्य ही नहीं कराया गया। ऐसे में पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं 92 के तहत वसूली योग्य राशि जमा करने के आदेश दिए गए थे।

ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा ग्राम सभा को धोखे में रखकर फर्जी तरीके से राशि का अपव्यय किया है। निर्माण कार्यों की जांच के बाद यह पाया गया है कि अमानक स्तर पर किए गए निर्माण एवं कई कार्यों का बगैर निर्माण के ही राशि का आहरण फर्जी बिल बाउचर से किया गया था। इस गंभीर अनियमितता के दोषी मानते हुए सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत बरौं के ऊपर सिरमौर थाने में धारा 420, 409, 34 भादंवि व 7(सी), 13(1)(ए) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का घटित करना पाए जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। 

क्या है मामला
ग्राम पंचायत बरौं के सरपंच एवं सचिव के कार्यों की जांच के बाद सहायक यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जनपद पंचायत सिरमौर द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में यह पाया गया है कि सरपंच श्रीमती विनीत पटेल एवं सचिव शैलेन्द्र सिंह द्वारा निर्माण कार्य के लिए राशि का आहरण किया गया है परंतु निर्माण नहीं कराया गया। ऐसे में उनके द्वारा 34 लाख 37 हजार 950 रुपए का आहरण पाया गया है। आहरित राशि का जो विवरण दिया गया है, उसके अनुसार हैण्डपम्प खनन के लिए 2 लाख 98 हजार रुपए, पीसीसी मुख्य मार्ग से पंडितान मार्ग तक 2 लाख 7 हजार 400, पीसीसी मुख्य मार्ग से ददन तिवारी के घर तक 2 लाख 13 हजार, पीसीसी हरिजन बस्ती से चौका टोला 5 लाख 18 हजार, पीसीसी मुख्य मार्ग से हास्पिटल तरफ 6 लाख 50 हजार 250, पीसीसी मुख्य मार्ग से तेजभान पटेल के घर तक 2 लाख 52 हजार 400, कार्यालयीन व्यय 67 हजार, प्रिंटिंग एवं कम्प्यूटर व्यय 1 लाख 65 हजार की राशि का आहरण करना पाया गया था। जिस पर पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं 92 के पालन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा राशि दुरुपयोग मानते हुए वसूली के लिए आदेश किया था। बताया गया है कि सरपंच श्रीमती पटेल एवं सचिव शैलेन्द्र सिंह द्वारा अपने पद में रहते हुए लोक सेवक होने के बावजूद लोकधन का आहरण कर अपने स्वयं के हित में उपयोग किया गया है। गलत तरीके से व्यय फर्जी बाउचर तैयार कर ग्राम पंचायत एवं ग्रामसभा को धोखे में रखा है।

तीन सचिव भी हो चुके हैं निलंबित
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े ने मंगलवार को भी बड़ी कार्रवाई करते हुए जहां तीन सचिवों को निलंबित कर दिया है, वहीं एक रोजगार सहायक को पद से पृथक करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायत धरी के सचिव धीरेन्द्र सिंह, जनकहाई के दिनेश पाण्डेय एवं जोरौट के सचिव सुरेन्द्र तिवारी को निलंबित कर दिया है। वहीं खड्डा के रोजगार सहायक अनिल सोनी को पद से पृथक कर दिया है। जिपं सीईओ द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद जिले की ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिवों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है।