भाजपा: मंडल के बाद अब जिला टीम में उम्र का बंधन

सतना | उम्रदराज कार्यकर्ता अब जिले की टीम में पदाधिकारी नहीं बन पाएंगे। मंडल अध्यक्षों की तरह ही भाजपा ने जिला टीम में पदाधिकारियो के लिए भी उम्र की सीमा तय कर दी है। पार्टी ने पदाधिकारियों के लिए 55 वर्ष की आयु तय की है, जबकि कार्यकारिणी के लिए सत्तर वर्ष की अधिकतम आयु तय की गई है। विशेष परिस्थितियों में जरूर पदाधिकारी साठ वर्ष की उम्र के बनाए जा सकते हैं, लेकिन वे अपवाद रहेंगे। पार्टी द्वारा जिला टीम के पदाधिकारियों के लिए उम्र की सीमा तय कर दिए जाने के बाद जिले के कई ऐसे नेता जिनका जिला टीम में स्थान पक्का माना जा रहा था अब वे इस रेस से करीब- करीब बाहर हो गए हैं। ऐसे में वे अब पर्दे के पीछे से प्रदेश कार्यसमिति में स्थान पाने के जुगाड़ में लग गए हैं। 

लिफाफे के साथ भोपाल पहुंचे दावेदार
भाजपा की जिला टीम की घोषणा में भले ही अभी देरी हो लेकिन प्रदेश के पदाधिकारी घोषित होने के बाद दावेदारों को जरूर उम्मीद है कि जल्द ही सतना के जिला टीम के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा भी की जा सकती है पर माना जा रहा है कि प्रदेश के सभी जिलोंं में रायशुमारी के बाद जिला टीम के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की जाएगी। इस बीच जिले की टीम के लिए दावेदारों के बीच रायशुमारी के बाद इनके नाम लिफाफे में बंद करके प्रदेश प्रभारियों के भोपाल पहुंचने के साथ ही दावेदारों ने भी राजधानी में डेरा डाल दिया है।

26 लोगों ने दिए 260 नाम 
हाल ही मे भाजपा पदाधिकारियों के लिए हुई रायशुमारी के लिए वैसे तो 26 लोगों ने 260 नाम लिख कर दिए हैं लेकिन इनमें से कई नाम ऐसे हैं जिन्हें पदाधिकारी के रूप में जिला टीम में शामिल करने के लिए कई लोगों ने लिखे हैं। इसके अलावा कई लोगों से फोन पर सम्पर्क कर उनकी राय ली गई तो कुछ वरिष्ठ नेताओं के घर में उनसे मुलाकात संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा की गई। यद्यपि जिला टीम के गठन के लिए जिले के 39 नेता अधिकृत थे। 

बीडी शर्मा की टीम में जगह पाने कार्यकर्ताओं ने शुरू की लाबिंग 
जिला टीम की तरह ही प्रदेश कार्यसमिति में स्थान पाने के लिए भी इस बार खासी मारामारी होगी। पिछली बार जिले से 29 नाम प्रदेश कार्यसमिति के लिए भेजे गए थे जिसमें से 23 लोगों को प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनाया गया था। इस बार विशेष आमंत्रित सदस्यों को छोड़कर यह संख्या दस से बारह ही रहने वाली हेै, जिससे जिले के कई ऐसे नेता जो पूर्व में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य ने उनको बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। स्थान कम है और दावेदार ज्यादा हैं, लिहाजा कार्यकर्ताओं के बीच अभी से गलाकाट स्पर्धा शुरू हो गई है और वे अपने - अपने आकाओं के आगे- पीछे परिक्रमा लगाने लगे हैं।

सूत्रों की मुताबिक जिन निवर्तमान प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों को इस बार टीम में स्थान मिलना मुश्किल दिख रहा है उनमें चन्द्रकमल त्रिपाठी, नवनीत लटोरिया, प्रहलाद कुशवाहा, अंजू सिंह बघेल, कैलाश गौतम  प्रमुख हैं।  इसके अलावा प्रदेश कार्यसमिति के लिए जिन नामों को तय माना जा रहा है उनमें लक्ष्मी यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह बघेल, पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, रामदास मिश्रा एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह के नाम शामिल हैं। इसी तरह प्रदेश की टीम में स्थान पाने के लिए हाथ- पांव मारने वाले नेताओं में निवर्तमान जिला महामंत्री कमलेश सुहाने, निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष बाबूलाल सिंह एवं अशोक गुप्ता का नाम लिया जा रहा है। इनके अलावा कई अन्य नाम भी है जो सक्रिय हैं। 

ये विशेष आमंत्रित सदस्य 
यदि पार्टी में विशेष आमंत्रित सदस्यों की बात करें तो जिले से सांसद गणेश सिंह पांचों विधायक, पूर्व विधायक प्रभाकर सिंह, मोतीलाल तिवारी, शंकरलाल तिवारी एवं सुरेन्द्र सिंह गहरवार विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए जा सकते हैं।