हर पंचायत होगा सामुदायिक भवन, पंचायत का अपना होगा भवन
पंचायत मंत्री ने कहा लगन और कर्तव्यों का पालन करें प्रतिनिधि
भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने पंचायत प्रतिनिधियों का आव्हान किया है कि वे पूरी लगन से अपने कर्तव्यों का पालन करें। अधिकार तो स्वाभाविक रूप से मिल जाएंगे। पटेल ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रयास कर रही है कि हर पंचायत में सामुदायिक भवन हो और हर पंचायत का अपना भवन हो।
पटेल आज यहां “आत्मनिर्भर पंचायत- समृद्ध मध्यप्रदेश“ विषय पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और जीआईजे्ड द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर पंचायत अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की प्लानिंग क्षमता और समझदारी से कर सकती है। उन्होने कहा कि पंचायत राज एक साथ मिलकर जनकल्याण के लिये कार्य करने की भावना है। उन्होने कहा कि जनपद पंचायत उपाध्यक्षों की सहमति के लिये अनिवार्य रूप से उन्हें नस्ती भेजने संबंधी आदेश जल्दी ही जारी कर दिये जायेंगे। उन्होने जनपद पंचायत, उपाध्यक्षों से आग्रह किया वे ऐसे कार्यों और गतिविधियों की सूची बना लें जिनमें वे समझते हैं कि उनका मत और सहमति आवश्यक हो। उन्होंने कहा कि पंचायतों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिये उनके आंतरिक प्रशासनिक तंत्र को मजबूत बनाने की कार्रवाई चल रही है। निचले स्तर पर प्रशासनिक तंत्र की मजबूती आवश्यक है। पटेल ने कहा कि विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध बजट राशि और वित्तीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतिम उद्देश्य लोगों को खुश करना और उनकी भलाई करना है।
पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी तो प्रदेश बनेगा समृद्ध
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाना है तो पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना होगा।उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं का उचित लाभ सुनिश्चित करने और हर पात्र को लाभान्वित करने के लिए मैदानी अमले का प्रशिक्षित होना, आपसी समन्वय होना आवश्यक है। उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि संकल्प और समर्पण से ग्रामीण विकास का नया अध्याय लिख सकते हैं। शुक्ल ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी है, बिजली है, पानी है। आज हम तेज़ गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। हमें अपनी क्षमता का उन्नयन कर दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रयास करने होंगे। हमें नवाचारों को, अभिनव प्रयासों को पूरे प्रदेश में विस्तारित करना होगा, ताकि मध्यप्रदेश का ग्रामीण विकास पूरे देश में मॉडल बनें।