जीआईएस में शहरी विकास पर भी होगा विशेष फोकस

जीआईएस में शहरी विकास पर भी होगा विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा भारत के शहरी परिवर्तन में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि झीलों की नगरी भोपाल में निवेश के महाकुंभ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शहरी विकास के क्षेत्र पर विशेष फोकस किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी, मजबूत बुनियादी ढांचा, निर्बाध विकास के चलते मध्यप्रदेश भारत के शहरी परिवर्तन में अग्रणी राज्य है, जो रणनीतिक निवेश, सतत विकास और अत्याधुनिक डिजिटल गवर्नेंस का संयोजन कर रहा है।  
मुख्यमंत्री डा यादव ने कहा कि प्रदेश में 72 हजार करोड़ रुपए की चल रही शहरी परियोजनाओं और 88 हजार करोड़ रुपए की आगे आने वाली परियोजनाओं के साथ राज्य तेजी से अपने बुनियादी ढांचे, आवास और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का विस्तार कर रहा है। सात स्मार्ट सिटी, विश्व स्तरीय कनेक्टिविटी और प्रगतिशील शहरी नीतियों के साथ मध्यप्रदेश निवेशकों और डेवलपर्स के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने की स्थिति में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने के लिये प्रदेश में शहरी विकास की योजनाओं में अधिक से अधिक निवेश को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों को सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन योजनाओं के जरिये रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
स्मार्ट सिटी रैंकिंग में अग्रणी राज्य
स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी रैंकिंग में अग्रणी राज्य के रूप में मध्यप्रदेश भविष्य के लिए तैयार निवेश-अनुकूल शहर बन रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और डिजिटल रूप से उन्नत प्रदेश के शहरों को अपनी अलग पहचान मिलेगी। प्रदेश में चाहे किफायती आवास हो, ग्रीनफील्ड शहर का विस्तार हो या मल्टी मॉडल परिवहन समाधान, मध्यप्रदेश दूरदर्शी शहरी विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने को तैयार है।
भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचा
प्रदेश में निर्बाध परिवहन नेटवर्क है। इससे निवेशकों को हर तरह की सुविधा मिलेगी। प्रदेश में 5 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क, 46 राष्ट्रीय राजमार्ग, 20 प्रमुख रेलवे जंक्शन और 6 क्रियाशील हवाई अड्डे हैं। उन्नत व्यापार और कनेक्टिविटी के लिए इंदौर और जबलपुर में आगामी मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी प्रस्तावित है। प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर समिट, रिमोट सेंसिंग और एआई-आधारित गवर्नेंस के साथ एकीकृत नगर पालिका बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।
“नगर द्वार“ अब कहलाएगा “दाता बंदी छोड़ द्वार“
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर के मुरैना मार्ग स्थित “नगर द्वार“ का नाम सिखों के छठवें गुरु, गुरु हरगोविंद सिंह के नाम पर “दाता बंदी छोड़ द्वार“ रखने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिख समुदाय का गौरवशाली इतिहास रहा है, बड़ी संख्या में सिख परिवार इस क्षेत्र में निवासरत हैं। अतः ग्वालियर के मुरैना मार्ग पर पुराना छावनी क्षेत्र में बने “नगर द्वार“ का नाम “दाता बंदी छोड़ द्वार“ रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह को ग्वालियर के किले में मुगल बादशाह जहांगीर ने कई वर्षों तक बंदी बनाए रखा, अन्य 52 हिंदू राजा भी उनके साथ कैद में थे। मुगल बादशाह ने गुरू  की आध्यात्मिक शक्ति-साधना से घबराकर उनको रिहा करने का निर्णय लिया। हरगोविंद सिंह जी ने अकेले रिहाई से मना कर दिया और 52 हिंदू राजाओं के साथ ही बाहर आने का संकल्प व्यक्त किया। मुगल बादशाह ने मजबूर होकर 52 हिंदू राजाओं को गुरु हरगोविंद सिंह के साथ रिहा किया।