परेशान अन्नदाता: फिर टला चना, मसूर और सरसों का उपार्जन कार्य
सतना | रबी विपणन वर्ष 2021-22 में चना, मसूर एवं सरसो के न्यूनमत समर्थन मूल्य पर खरीदी का कार्य एक बार फिर टाल दिया गया। हालांकि इसकी सुगबुगाहट तो शनिवार से चल रही थी पर स्पष्ट आदेश के अभाव में सोमवार को जिले के सभी 19 केन्द्र खुले। यह अलग बात है कि मैसेज न मिलने से कोई किसान उपज लेकर नहीं पहुंचा। आखिर शाम को फिलहाल खरीदी टालने के आदेश भी आ गये पर यह अभी तक निश्चित नहीं हो सका कि अब खरीदी कब से शुरू होगी। उपार्जन टलने का कारण प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बरसात का होना बताया गया है। मालूम हो कि जिले में खरीदी एजेंसी विपणन संघ है जिसके द्वारा पहले 15 और फिर 22 मार्च से उपार्जन किया जाना तय हुआ था।
किसानों को उनके उपज का अधिकतम मूल्य देने के लिये शासन द्वारा प्रदेश के अन्य जिलों के साथ सतना में भी होने वाली समर्थन मूल्य पर चना, मसूर तथा सरसों की खरीद को टाला जा रहा है। इसके पीछे की असली वजह सरकार द्वारा बताया जा रहा मौसम ही है अथवा कुछ और इसके भी कायास लगाये जा रहे हैं। पहले यह हुआ कि खरीदी 15 मार्च से होगी। जिन किसानों ने कटाई गहाई का कार्य पूरा कर लिया था वे फसल केन्द्रों में ले जाने की तैयारी ही कर रहे थे कि खरीदी टलने की सूचना आ गई। अगली तारीख 22 मार्च तय हुई लेकिन ऐन वक्त पर उसे भी टाल दिया गया।
सोमवार को तो सभी केन्द्र सुबह ही खुल गये थे लेकिन न तो खरीदी टलने की सूचना ही दी गई और न ही कोई किसान उपज लेकर पहुंचा। खरीदी टलने की आधिकारिक घोषणा भी सोमवार की शाम तक हो सकी पर यह नहीं बताया गया कि अब यह कार्य कब शुरू होगा। वैसे सूत्रों का कहना है कि सरकार धीरे-धीरे समर्थन मूल्य पर खरीदी को कम करना चाहती है। वैसे भी इन दिनों मंडियों में उक्त जीसों की कीमतें समर्थन मूल्य के बराबर या उससे अधिक चल रही हैं हो सकता है सरकार की मंशा हो कि लेट होने से जिनको जरूरत में माल बेंचना है वे मंडी में अपनी उपज ले लें।
21 हजार किसानों को इंतजार
मालूम हो कि जिले की 9 तहसीलों के कुछ 21 हजार 389 किसानों ने पंजीयन कराया है और बड़ी ही बेसब्री से उपार्जन कार्य शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से चना बिक्री करने वाले 14199, मसूर 3167 तथा सरसो का उपार्जन करने के लिये 4023 किसानों को इंतजार है। शासन द्वारा इस साल चना तथा मसूर के लिये 5100 रुपए एवं सरसों के लिये 4650 रुपए प्रति क्ंिवटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। वैसे इस बार 14 हजार मीट्रिक टन के करीब खरीदी करने की बात कही गई थी जिसमें 12500 चना, 500 मसूर तथा 1 हजार एमटी सरसो है पर खरीदी जिस तरह टल रही है उसको देखते हुए इस बात की संभावना अधिक है कि जब तक खरीदी शुरू होगी आधे किसानों की उपज सीधे मंडी पहुंच जाएगी।
खरीदी की सारी व्यवस्था हो गई है। 9 केन्द्रों में बारदाने भी पहुंच गये हैं और शेष में मंगलवार तक पहुंच जाएंगे। सोमवार को सभी खरीदी केन्द्र खुल गये थे। शाम को उपार्जन टलने की घोषणा हो गई है। यह कार्य कब शुरू होगा यह तय नहीं हो सका।
नारेन्द्र प्रताप सिंह, जिला प्रबंधक मार्कफेड