व्यापमं महाघोटाले की जांच में रोज हो रहे नए-नए खुलासे

भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले की पुरानी जांच पर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नयी जांच में एसटीएफ की पुरानी जांच पर सवाल उठ रहे हैं। कमलनाथ सरकार बनने के बाद एसटीएफ ने दोबारा नये सिरे से जांच शुरू की है।  अब अधिकारी नये हैं और पुरानी जांच में आरोपियों को छोड़ने की वजह से पुराने अफसर शक के दायरे में हैं।

व्यापमं महाघोटाले की नये सिरे से हो रही एसटीएफ जांच में दस एफआईआर दर्ज की गयी हैं। पहले हुई जांच में इन आरोपियों को छोड़ने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि जिन आरोपियों को पहले पकड़ा गया था अगर उनका अब नये आरोपियों से कनेक्शन निकला तो उसकी भी जांच की जाएगी।

नई एसटीएफ ने जो 10 नई एफआईआर दर्ज की हैं उन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यह सवाल इसलिए क्योंकि जिन शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई, उनका जिक्र एसटीएफ  में कहीं भी नहीं है। फरियादी एसटीएफ खुद बना है।

कांग्रेस के दिग्गजों की शिकायत

एसटीएफ  उन 193 शिकायतों की जांच कर रहा है, जिनकी एसटीएफ ने जांच नहीं की थी। इन शिकायतों में दिग्विजय सिंह की चार, मंत्री उमंग सिंघार की दो और व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुवेर्दी, आनंद राय और पारस सकलेचा की कई शिकायतें शामिल हैं। अधिकांश शिकायतें पीएमटी, प्री-पीजी परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े की है। इन्हीं 193 शिकायतों की जांच कर एसटीएफ ने पीएमटी परीक्षा में 9 और आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में 1 एफआईआर दर्ज की है। अभी तक एसटीएफ कुल दस एफआई दर्ज कर चुका है।

पुरानी एसटीएफ ने दर्ज की थीं 79 एफआईआर
2013 में व्यापमं घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद शिवराज सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंपी थी। तब एसटीएफ के तत्कालीन अफसरों ने 21 नवंबर 2014 को विज्ञप्ति जारी कर लोगों से नाम या गुमनाम सूचनाएं आमंत्रित की थीं। इसमें 1357 शिकायतें एसटीएफ को मिली थीं। जिसमें से 307 शिकायतों की जांच कर 79 एफआईआर दर्ज की गई थीं। 1050 शिकायतों में से 530 जिला पुलिस के पास जांच के लिए भेजी गईं और 197 शिकायतें एसटीएफ अफसरों ने अपने पास रख लीं। बाकी 323 शिकायतों को नस्तीबद्ध कर दिया, जिसमें गुमनाम होने को आधार बनाया गया था। इन्हीं 197 शिकायतों की जांच एसटीएफ दोबारा कर रही है।