आदिवासी लीडरशिप तैयार करेगी कांग्रेस, मोहनखेड़ा में प्रशिक्षण शिविर

 आदिवासी लीडरशिप तैयार करेगी कांग्रेस, मोहनखेड़ा में प्रशिक्षण शिविर

सात दिनों के प्रशिक्षण शिविर में 120 चयनित युवा होंगे शामिल
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस धार जिले के मोहनखेड़ा में ‘कार्यकर्ता निर्माण’ 7 दिवसीय आदिवासी लीडरशिप डेपलवमेंट प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है। शिविर के जरिए प्रदेश के आदिवासी वर्ग के बीच मतदाताओं को बीच पहुंचकर उन्हें कांग्रेस की ओर फिर से लाने के गुर सिखाए जाएंगे। यह शिविर 19 फरवरी से शुरू होगा।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के सभागार में आयोजित आदिवासी कांग्रेस विभाग द्वारा आदिवासी लीडरशिप डेवलपमेंट प्रशिक्षण शिविर एवं साक्षात्कार के लिए आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में तय किया कि कांग्रेस आदिवासी लीडरशिप प्रशिक्षण शिविर धार जिले के मोहनखेड़ा में आयोजित करेगी। इस प्रशिक्षण शिविर में 89 आदिवासी विकासखंड एवं अन्य आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों से आदिवासी कांग्रेस कार्यकर्ता की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए जुड़ने वाले प्रदेश के 88 आदिवासी ब्लॉक से आदिवासी युवा महिला-पुरुष भोपाल पहुंचे। इनका एआईसीसी और मध्यप्रदेश कांग्रेस के आदिवासी विभाग के पदाधिकारियों ने इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के जरिए 120 आदिवासी युवा चयनित हुए। अब इनका सात दिनों का प्रशिक्षण मोहनखेड़ा में 19 फरवरी से शुरू होगा। प्रशिक्षण शिविर में आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन, संवैधानिक हित और अधिकारों की रक्षा एवं उनके साथ होने वाले शोषण के खिलाफ सत्तारूढ़ दल भाजपा की नाकामियों एवं खोखले वादों, झूठा पेसा एक्ट, जिसका पालन आज तक मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार नहीं कर पायी है, वहीं विकास के नाम पर आदिवासियों का विस्थापन न किया जाये आदि मुद्दों पर गंभीरता से परिचर्चा की जायेगी।
महिलाओं और युवाओं को जोड़ने का प्रयास
विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि मोहनखेड़ा में आयोजित होने वाले आदिवासी प्रशिक्षण शिविर में ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आदिवासी वर्ग अपनी रक्षा और सम्मान के प्रति सजग हो सके और आदिवासी वर्ग की रक्षा के लिए उनके जागृति और चेतना पैदा हो सके, तभी आदिवासी वर्ग को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी। महिलाओं और युवाओं को अधिक से अधिक जोड़ना होगा।
कभी बांध, कभी सेंचुरी के नाम पर कर दिया जाता है बेदखल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि आदिवासी इस देश का मालिक है, जल-जंगल और जमीन पर सबसे पहला अधिकार आदिवासी वर्ग का है। आदिवासी वर्ग के महापुरूषों चाहे वो बिरसा मुंडा हो, टंट्या भील हो या रघुनाथ शाह-शंकरशाह हो या वीरांगना रानी दुर्गावती हो इन सभी ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया और आदिवासी वर्ग की रक्षा और सम्मान को अक्षुण्ण बनाये रखने में महती भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी वर्ग को कभी बांध के नाम पर कभी सेंचुरी के नाम पर जमीनों से बेदखल किया जा रहा है। दलितों और आदिवासियों पर भाजपाराज में अत्याचार और अनचार की घटनाएं चरम पर हैं। आदिवासी वर्ग की महिलाओं को गायब किया जा रहा है जो सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से स्पष्ट है।