फसल नुकसान का नहीं मिला मुआवजा, किया जाएगा आंदोलन

भोपाल। प्रदेश के किसानों को बारिश से हुई फसल का मुआवजा अब तक नहीं मिला है। बिजली-पानी और खाद की समस्याओं से अब भी किसान जूझ रहा है, मगर सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। नीलगाय और आवारा पशुओं द्वारा फसल बर्बाद पर किसान को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसानों की इस तरह की कई समस्याएं सामने आ रही है इसे लेकर जल्द ही प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने यह फैसला आज किसान पंचायत में लिया। सम्मेलन में प्रदेशभर से पहुंचे किसानों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया और बताया कि सरकारी योजनाओं को भी फायदा उन्हें नहीं मिल रहा है। सम्मेलन का आयोजन भिंड जिले के एंडोरी में किया गया था। सम्मेलन में यूनियन के मध्य प्रदेश प्रभारी गजेंद्र सिंह परिहार, भिंड जिला अध्यक्ष जयराज सिंह राणा, मीडिया प्रभारी विश्णु ष्शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे। सम्मेलन में मांग की गई कि बिजली-पानी की किल्लत, सितंबर माह में हुई बारिश से फसल नुकसान के मुआवजे की मांग, धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, डीएपी-यूरिया की कमी और आवारा पशुओं द्वारा फसलों की बर्बादी शामिल रहे। इसके साथ ही, किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अधिकांश किसानों तक न पहुंचने पर भी असंतोष व्यक्त किया गया। मध्य प्रदेश प्रभारी गजेंद्र सिंह परिहार ने पंचायत को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह कदम किसानों के लिए नुकसानदायक है और समस्याओं को बढ़ा रहा है। परिहार ने मांग की कि सरकार फसल नुकसान का मुआवजा जल्द दे। पंचायत के संयोजक विश्णु ष्शर्मा ने कहा कि पंचायत में किसानों ने समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने स्पष्ट किया कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं हुआ, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। पंचायत में लहचोर गांव की 500 एकड़ भूमि पर कुछ जमींदारों द्वारा कब्जे के प्रयासों के विरोध में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया।