मेरी आवाज ही पहचान के जरिए दी आवाज से जुड़ी जानकारी

मेरी आवाज ही पहचान के जरिए दी आवाज से जुड़ी जानकारी

चिकित्सकों  ने बताया  आवाज और वोकल कार्ड्स कैसे करती है काम
भोपाल। मेरी आवाज ही पहचान है व्याख्यान के जरिए डा सत्यप्रकाश चतुर्वेदी ने आवाज से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समझाया कि गले से निकलने वाली आवाज और वोकल कॉर्ड्स कैसे काम करती हैं और उनका ख्याल कैसे रखा जा सकता है।
दिव्य एडवांस्ड ईएनटी क्लिनिक ने अपनी 10वीं वर्षगांठ “मेरी आवाज़ ही पहचान है“ शीर्षक से एक महत्वपूर्ण व्याख्यान के साथ मनाई, जिसका विषय स्वर संरक्षण था। यह कार्यक्रम भोपाल के न्यू मार्केट स्थित समन्वय भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्वर संरक्षण, स्वर स्वच्छता और स्वर विकारों के उपचार के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता त्रिवेंद्रम से स्वर विकारों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ डॉ. जयकुमार मेनन ने एक ज्ञानवर्धक और शिक्षाप्रद व्याख्यान दिया।
विशेष अतिथि प्रदेश के सहकारिता विभाग के मंत्री विश्वास सारंग ने कार्यक्रम में डॉ दुबे को कोविड के दौरान ब्लैक फंगस के सफल ट्रीटमेंट के लिए सराहा जिसमे उन्होंने तकरीबन दो सौ से ज्यादा इस संक्रमण से पीड़ित मरीजों की सफल सर्जरी की। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. सत्यप्रकाश दुबे ने किया, जिन्होंने भारी भागीदारी और रुचि के लिए अपना आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. दुबे ने आवाज से जुड़ी हुई कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बारीकियों के साथ समझाया कि गले से निकलने वाली आवाज और वोकल कॉर्ड्स कैसे काम करती हैं और उनका ख्याल कैसे रखा जा सकता है। कुछ अभ्यासों द्वारा अपनी आवाज को पतला या मोटा करने के तरीके भी बताए। उन्होंने कुछ न्यूज़ एंकर और सिंगर्स के वीडियो का उदाहरण देते हुए शब्दों और उनके स्पष्ट उच्चारण के बारे में भी जानकारी दी।

लाइव एंडोस्कोपी कर बताया वोकल कार्ड कैसे करती है काम
डॉ. जयकुमार मेनन ने स्वर स्वास्थ्य और रखरखाव पर बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया, जिसमें राजनेताओं, अभिनेताओं, गायकों, रेडियो जॉकी, समाचार एंकर, शिक्षकों और आवाज कलाकारों सहित विविध दर्शकों को संबोधित किया गया, जिनका करियर उनकी मुखर क्षमताओं पर बहुत अधिक निर्भर करता है। डॉ. मेनन ने पद्मश्री गुंदेचा बंधुओं का लाइव एंडोस्कोपी करते हुए बताया कि किस तरह वोकल कॉर्ड काम करती हैं। नाक के द्वारा दूरबीन डालकर उन्होंने गुंदेचा बंधुओं से ’सा रे गा मा’ का उच्चारण करवाकर वोकल कॉर्ड के स्वर निकालते हुए दिखाया।