अनजान बीमारी से जकड़े बच्चे, बेजान हो रही काया

सोहागी। तराई अंचल के सोहागी स्थित ऊसरगांव में रहने वाले एक किसान परिवार के बच्चे अजीब सी बीमारी से जूझ रहे हैं। आज जब मेडिकल साइंस युग में बड़ी से बड़ी बीमारी की जानकारियां व उनका इलाज सम्भव है। वहीं तहसील मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम ऊसरगांव के रहने वाले किसान रामनरेश यादव का परिवार बच्चों  की बीमारी से परेशान है।

कृषि कार्य कर परिवार का भरण पोषण करने वाले रामनरेश यादव के पांच पुत्र हैं। जिनमें से तीन पुत्र अनीश, मनीष और मनोज किसी अनजान बीमारी से ग्रसित हैं। परिजनों ने बताया कि ये तीनों बचपन में पूरी तरह से स्वस्थ थे। किन्तु जैसे जैसे इनकी उम्र बढ़ती गई इनका शरीर सूखता गया, हमने यथा संभव सभी बच्चों का उपचार कराया।

न बीमारी का पता चला और न ही वह ठीक हुई। लिहाजा आज रामनरेश यादव के तीनों पुत्र बीमारी के कारण शारीरिक रूप से पूरी तरह से अक्षम हो चुके हैं। दु:खद पहलु यह है कि इन बच्चों के पिता रामनरेश यादव भी बीते वर्षों में इलेक्ट्रिक करेंट लगने से स्वत: ही शारीरिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर इस किसान परिवार के सामने  इन दिव्यांग बच्चों का देख रेख व उपचार एक चुनौती बन चुका है। परिवारजनों की माने तो उनके इस पीड़ा पर शासन प्रशासन और क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने अभी तक कोई संवेदन शीलता नहीं दिखाई। जबकि इन हालातों से जूझ रहे इस गरीब किसान परिवार को जिम्मेदारों के संवेदनशीलता की सख्त जरूरत है।

ऊसरगांव में बच्चों के बीमार होने की जानकारी आपसे मिली है। गुरुवार को टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। साथ ही उन्हें यथा संभव उपचार दिलाया जाएगा।
डॉ. नौशाद अली, बीएमओ त्योंथर