अंधेरगर्दी: आवासीय भूखंड पर निकाल दी रोड, अपनी ही जमीन पर पांव नहीं रखने दे रहे सरहंग

सतना | राजस्व अमले की चूक से किस प्रकार से आपसी विवाद खड़े होते हैं , इसका एक नमूना देखना हो तो अर्जुन नगर दक्षिणी पतेरी पहुंचिए जहां एक विधवा की जमीन पर तनी चारदीवारी तोड़कर रोड बना दी गई है। राजस्व अमले ने एक बड़ी चूक करते हुए आवासीय आराजी पर सड़क बनवा दी है। अब हालात यह हैं कि  विधवा अपनी बेटियों के साथ अपनी ही जमीन में पांव रखती है तो सरहंग उसे डंडे का भय दिखाकर भगा देते हैं अथवा उससे लड़ाई करने लगते हैं।  पीड़िता ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना पुलिस के अलावा पुलिस अधीक्षक से भी की है लेकिन उसकी समस्या का निदान अब तक नहीं हो सका हे। 

क्या है मामला 
दरअसल मुख्त्यारगंज निवासी कृष्णा गुप्ता पत्नी स्व. दीपक चंद्र गुप्ता की तहसील रघुराज नगर मौजा अमौधा कला में जमीन है जिसका आराजी क्र. 703/2ब/1/1 है। बताया जाता है कि कृष्णा गुप्ता अकेली होने के कारण अपनी बेटियों की परवरिश में जुटी रहीं और पतेरी की जमीन पर बाउंड्रीवाल बनाकर छोड़ दिया। उधर लंबे अर्से से रिक्त भूखंड देखकर उस पर कब्जा जमाने के प्रयास शुरू हुए और इसी प्रयास में सड़क के नाम पर निजी आराजी में बनी चारदीवारी को तोड़ दिया गया । कुछ समय बाद उस पर सड़क भी निकाल ली गई। उधर बाउंड्रीवाल तोड़ने के बाद मुहल्ले के कुछ सरहंगों ने तहसीलदार न्यायालय में वाद दायर किया जिसका 16 अक्टूबर 2019 को आया फैसला कृष्णा गुप्ता के प्रतिकूल सड़क के  तर्क के साथ आ गया ।

श्रीमती गुप्ता ने तहसीलदार न्यायालय के आदेश के विरूद्ध कैवियट लगाया और मामले को कमिश्नर न्यायालय ले गर्इं जहां अपील क्र. 146/अपील/2019-20 की सुनवाई करते कमिश्नर न्यायालय ने  28 अक्टूबर को तहसीलदार के आदेश के विरूद्ध फसला इस तर्क के साथ दिया कि मप्र भू राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत रूढ़िगत अथवा सुखाचार के अंतर्गत कृषि भूमि में ही मार्ग का निर्धारण किया जा सकता है। कमिश्नर ने आदेश में लिखा है कि नगरीय क्षेत्र में आवासीय भू खंडों पर ये प्रावधान लागू नहीं होता । दिलचस्प बात यह है कि कमिश्नर का फैसला आए डेढ़ माह से ज्यादा का समय बीत चुका है मगर श्रीमती गुप्ता अभी भी अपनी जमीन पर पांव नहीं रख पाईं हैं। 

सुनने को कोई तैयार नहीं 
शनिवार को कृष्णा गुप्ता की पुत्री वर्षा गुप्ता अपनी जमीन पर निर्माण कार्य कराने पहुंची लेकिन उसी दौरान वहीं रहने वाली महिला माया पाठक ने डराना धमकाना शुरू कर दिया। सिविल लाइन थाने में दर्ज  कराई गई शिकायत के अनुसार माया पाठक ने गाली गलौज की और जमीन में पांव रखने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी। वर्षा के अनुसार इसके पूर्व भी अपनी जमीन में निर्माण करने पर कई मर्तबा स्थानीय लोगों ने धमकी दी है।

यहां तक कि लोग लाठी डंडे लेकर खड़े हो जाते हैं। इस मनमानी से व्यथित वर्षा गुप्ता कमिश्नर न्यायालय के फैसले को लेकर कभी थाने के चक्कर काट रही है तो कभी राजस्व अधिकारियों के लेकिन उसकी फरियाद नक्कारखाने में तूती की आवाज ही साबित हो रही है। वर्षा ने आशंका जताई है कि यदि प्रशासन ने उनकी मदद न की तो सरहंग किसी गंभीर घटना को अंजाम दे सकते हैं।