...तो मैहर में फिर फूटेगा कोरोना बम, स्टेशन में जांच के इंतजाम नहीं

सतना | जिले में कोविड संक्रमण तेजी से अपने पांव पसार रहा है। एक बार फिर हाहाकार की स्थिति बनती जा रही है। इसके बाद भी रेलवे स्टेशनों में गंभीर लापरवाही की जा रही है। सबसे बड़ा खतरा त्रिकूट वासिनी मां शारदा की नगरी मैहर में है । इसके पूवÊ भी मैहर जिले का महामारी का केद्र बन चुका है बरावजूद इसके जिम्मेदार सबक लेने को तैयार नहीं है।  अगर ऐसा ही रहा तो मैहर एक बार फिर कोरोना महामारी का केन्द्र बनेगा।

हालात यह है कि मैहर स्टेशन में अभी तक न तो जिला प्रशासन द्वारा और न  ही रेलवे द्वारा बाहर से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के कोई इंतजाम किए गए हैं। सरकार की कोरोना संक्रमण की बचाव सबंधी गाइड लाइन कागजों में ही चल रही है। बताया जाता है कि मैहर में लगभग 31 जोड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज है जिसमें पैंडेमिक सेंटर बने महाराष्ट्र से आने वाली लगभग 17 जोड़ी ट्रेने हैं। स्क्रीनिंग की व्यवस्था न होने से कोरोना संक्रमित क्षेत्रों से आने वाले यात्री बिना जांच के ही अपने घर जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो ऐसे में तो संक्रमण दुगनी रफ्तार पकडेगा। 

स्टेशन में बने सुरक्षा कवच
स्टेशन में सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन करने के लिए दो-दो गज की दूरी पर सुरक्षा घेरे बना दिए गए है। मेन गेट में भी आने और जाने वाले यात्रियों के लिए बैरिकेट्स लगा दिए गए हैं। बताया जाता है कि टिकट कांउटर के बाहर और प्लेटफार्म क्र. एक में तो घेरे बना दिए गए हैं लेंकिन प्लेटफार्म क्र. 2-3 एवं स्टॉलों के पास कोई सोशल डिस्टेसिंग के लिए नहीं की गई है, वहीं वेंडर भी मास्क व दस्तानों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। 

सतना में मजाक बनी स्क्रीनिंग 
सतना स्टेशन में तो जिम्मेदारों ने हद ही कर दी है।  बताया जाता है कि स्कीनिंग स्टाफ इतना लापरवाह है कि बाहर से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग 10 प्रतिशत भी ठीक से नहीं की जाती है। सुबह 8 से रात 8 बजे तक दो शिफट में तीन-तीन स्टॉफ की जांच के लिए टीम बनाई गई है लेकिन इनमें दूसरी शिफ्ट में एक स्टॉफ ही रहता है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब ड्यूटी स्टेशन में लगी है और ये यहां रहते नहीं तो क्या ये मुफ्त की वेतन ले रहे हैं या किसी की इन पर कृपा बरस रही है।

ट्रेन आने पर भीड़ इस कदर रहती है कि एक यात्री की जांच व नाम पता लिखते-लिखते 10-20 यात्री निकल जाते हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संक्र मण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आपदा प्रबंधन समिति द्वारा 22 मार्च के लिए गए निर्णय के अनुसार स्थानीय प्रशासन द्वारा सतना स्टेशन में आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के  साथ-साथ  प्रत्येक टीम को 15-20  रैंडम सैम्पलिंग करनी हैं लेकिन अभी तक रैंडम सैम्पलिंग नहीं की गई है। 

रात में भगवान भरोसे 
बताया जाता है कि सतना स्टेशन में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग द्वारा रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक रेलवे द्वारा ही करने की बात कही गई थी लेकिन रात में किसी भी तरह से जांच नहीं कराई जाती है।