कौन सुने फरियाद: नीलामी में भाग लेने के पहले कटौती का सौदा

सतना | एक तो प्रदेश के मॉडल एक्ट और तीन नये कृषि कानूनों से संभाग की सबसे बड़ी सतना कृषि उपज मंडी का दम फूल रहा है तो ऊपर से वहां के जिम्मेदार ही व्यापारियों से साठ-गांठ मंडी के अस्तित्व को समाप्त करने में तुले हुए हैं। हालत तो यहां तक हो गई है कि अवैध वसूली के चलते किसान भी अब मंडी आने से बच रहे हैं। शुक्रवार को वहां ऐसा मामला सामने आया जब व्यापारी द्वारा नीलामी के पहले उपज की कीमत में कटौती की राशि तय करने से नाराज एक किसान अपनी चबूतरे में नीलामी के लिये रखी फसल ही वापस लेकर लौट गया।

ये हैं मामला
शुक्रवार को जिला मुख्यालय समीपी उटक्करपुर भरजुना निवासी दिनेश गुप्ता 24 क्विंटल उड़द लेकर बिक्री के लिये मंडी पहुंचे थे। फसल नीलामी के लिये चबूतरे में रखी हुई थी। श्री गुप्ता का आरोप है कि नीलामी शुरू होने के पहले पवन व चेतूमल व अन्य व्यापारी उनके पास पहुंचे और कहां कि 200 रुपये क्विंटल कटौती करेंगे यदि मंजूर हो तो बोली बोलें। कटौती मंजूर न होने पर दिनेश ने पूरी फसल पुन: वाहन में लोड कराई और घर लौट गये। उनका कहना है कि पहले भी वसूली होती थी पर तब एक प्रतिशत ही लेते थे पर अब मनमानी पर उतारू हैं।

अधिकारियों ने दी छूट

मंडी में नीलामी में फसल खरीदने वाले व्यापारियों को शाम तक किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी रकम नगद में देने का प्रावधान रखा गया है। बावजूद इसके कुछ चुनिंदा बदनाम व्यापारी किसानों को भुगतान करते समय कुछ फीसदी राशि की कटौती करते हैं। इसकी पूर्व में कई शिकायतें मंडी सचिव से हो चुकी हैं पर अभी तक कोई हल नहीं निकला। आरोप हैं कि अब अधिकारियों ने व्यापारियों से हफ्ता भी तय कर लिया है और इसके बदले उन्हें अवैध कटौती की खुली छूट दे दी गई है।