बजट में कई तरह के खर्च में कटौती की तैयारी कर रही सरकार
भोपाल | कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने प्रदेश के सरकारी खजाने को काफी नुकसान पहुंचाया है। अब धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में थोड़ा सुधार तो हुआ लेकिन अभी भी अभी प्रदेश सरकार के खजाने की हालत में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। यही वजह है कि अब सरकार द्वारा नए वित्त वर्ष के बजट के लिए की जा रही कवायद में कई तरह के खर्च में कटौती करने की तैयारी की जा रही है। वित्त विभाग द्वारा नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट की तैयारियोंं के लिए विभागों को प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
इसमें कई विभागों को खर्चों को सीमित करने के निर्देश दिए गए है। इसके तहत अब विभागों को पेट्रोल, सुरक्षा, सफाई और परिवहन के नाम पर किए जाने वाले खर्च में कटौती करनी होगी। वित्त विभाग ने विभागों को इन मदों के लिए राशि आवंटन प्रस्ताव में पांच फीसदी से अधिक बढ़ोतरी न करने का साफतौर पर कह दिया है। यही नहीं विभागों को इन खर्चों के अलावा बाकी खर्चों के लिए प्रस्ताव को पूर्व के बजट के हिसाब से ही रखने के निर्देश दिए है। सरकार भले ही अन्य संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जायज मांगों को न माने, लेकिन सरकार अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के सभी हितों का पूरा ध्यान रखती है। ऐसी ही बजट के मामले में भी है।
यही वजह है कि विभागों को कहा गया है कि भले ही किसी विभाग में अभी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी की पदस्थापना न हो, लेकिन अगर नए वित्तीय वर्ष में पदस्थापना की संभावना हो तो फिर बजट में प्रावधान रखना होगा। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं।
वित्त विभाग को भेजना होगा प्रस्ताव
नए बजट प्रावधानों में सभी विभागों को अनुसूचित जाति और जनजाति उपयोजना के तहत निर्धारित अंश रखना अनिवार्य किया गया है। अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 23 फीसदी और अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 16 फीसदी राशि का प्रावधान कर प्रस्ताव ही वित्त विभाग को भेजना होगा। बजट प्रस्तावों के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को एक प्रोफार्मा भेजकर उसके हिसाब से ही अंतरिम बजट अनुमान तैयार करने को कहा है। इसी बजट अनुमान के आधार पर वित्त विभाग अंतिम रूप से विभागों के लिए बजट प्रावधान करेगा।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
वित्त विभाग ने जो निर्देश दिए हैं, उस हिसाब से विभाग की ऐसी योजनाएं जो लगातार संचालित नहीं हो रही हैं या फिर इन योजनाओं को आने वाले समय में बंद किया जा सकता है तो ऐसी योजनओं के लिए बजट प्रावधान को पहले की तुलना में कम कर दिया जाएगा। इसी तरह निर्देशों में यह भी कहा कि राज्य के स्वयं के संसाधन और केंद्र सरकार के संसाधनों से होने वाली आय का आंकलन कर और 15वें वित्त आयोग का प्रतिवेदन और उस पर केंद्र के निर्णय के साथ ही नए वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्र के बजट को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की प्राथमिकता के हिसाब से अंतिम बजट सीमा तैयार की जाएगी। विभागों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी योजनाएं जो समाप्त घोषित कर दी गई हैं उनके लिए बजट प्रावधान नहीं किया जाएगा।