भोपाल से आई रिपोर्ट: सतना में भी बर्ड फ्लू का अटैक
सतना | सतना जिले में भी बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। शुकवार को हाई सिक्योरटी लैब भोपाल से आई रिपोर्ट के बाद इसकी पुष्टि पशुपालन विभाग ने कर दी है जिसमें पक्षियों में हो रही मौत की वजह बर्ड फ्लू है और सभी से सर्तकता बरतने की बात कही गई है। बताया जाता है कि 9 जनवरी को जिले से कौवे, महोखा और एक कबूतर का सेम्पल राष्टÑीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान एवियन इन्फ्लूऐंजा ओआई संदर्भ प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया था जिसमें रामनगर अमिलिया में मिले कौवे की रिपोर्ट में एच 5एन 8 एवियन इन्फ्लूऐंजा वायरस की पुष्टि हुई है। जिला प्रशासन के मार्ग दर्शन मे व अन्य विभागों समन्वय से वर्ड फ्लू की रोकधाम के लिए कार्यवाई शुरू कर दी गई है।
अलग-अलग जगहों पर मिल चुके मृत पक्षी
मृत पक्षियों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को शहर में 4 कबूतर ,2 कोयल शहित 9 पक्षियों के मौत के मामलें सामनें आए है जिसमें लोगों में दहशत बढ़ती ही जा रहे है। बताया गया कि आयुषमान हास्पिटल के पास 2 कबूतर, मुक्तिधाम के पास 2 कोयल, नई बस्ती वार्ड न्. 18 और डाली बाबा में एक- एक कबूतर, जवहर नगर गली नंबर एक में एक गलगलिया, नजीरवाद में एक बकुला एवं उत्तरी पतेरी वार्ड नंबर 1 में एक चिड़िया मृत मिली है। सूचना मिलते ही वेटनरी डा. ब्रहस्पति भारती मौके पर पहुंच कर मृत पक्षियों को डिस्पोज किया।
एच 5 एन 8 नया स्ट्रेन
बताया जाता है कि प्रदेश में हो रही पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू वायरस एच 5 एन 8 से है। एच 5 एन 1 वायरस अभी मुर्गियों में कही सामने नहीं आया है यह वायरस इंसानों को भी अपनी चपेट में ले लेता है।
रोकथाम के जारी हुए निर्देश
- कौओं, वाइल्ड पक्षी और मुर्गियों पर नजर रखें
- वायरस संक्रमित कपड़े, उपकरण, वाहन, दूषित पानी, संक्रमित पक्षी के वीट पंखों आदि से बचें
- किसी क्षेत्र में अधिक पक्षी मर रहे हैं तो अविलंब प्रशासन को सूचना दें
- पोल्टी फार्म में अनावश्यक लोगों को प्रवेश न करने दें, मुर्गे को दूसरे पक्षियो से न मिलने दें
- दो प्रकार के पक्षियों को एक बाड़े में न रखें
- पोल्टी फार्म को नियमित रूप से कीटनाशक दवाओं से छिड़काव करें
- पक्षियों के बाड़े उनके पास चूने अथवा कीटाणु नाशक दवाओं का छिड़काव कर संक्रमण मुक्त करें
- पोल्ट्री के सम्पर्क में आने वाले उपकरणों, कर्मचारियों को संक्रमण मुक्त करने के पश्चात ही फार्म में प्रवेश दें
जांच के लिए मृत पक्षियों के नमूनें भेजे गए था जिसकी रिर्पोटआ गई। जिसमे अब सतना मे भी वर्ड फ्लू की चपेंट मे है। हालांकी इंसानो इस वायरस के फैलने की पुष्टि अभी तक सामनें नही आई है फिर भी सावधानी बहोत जरूरी है।
डां एपी सिंह, वेटनरी सर्जन, जिला रोग अन्वेषण प्रयोग शाला, पशु पालन विभाग