बदइंतजामी से बढ़ रहा संक्रमण, प्रशासन सड़क नाप रहा, रेलवे से घुस रहा कोविड

सतना कोविड संक्रमण का कहर विंध्य में तेजी से फैल रहा है, लेकिन संक्रमण की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। प्रशासन जिन कदमों से कोविड संक्रमण रोकने की कवायद कर रहा है वे केवल औपचारिक साबित हो रहा है। प्रशासन ने लाकडाउन व नाइट कर्फ्यू जैसे कदम तो उठाए हैं लेकिन ये कदम तभी कारगर साबित हो सकते हैं जब कोई नया बाहरी संक्रमित लोगों के बीच न आए।

अकेले बाइक या कार में चलने वालों पर मास्क न पहनने पर प्रशासन की कार्रवाई कर रहा है लेकिन उन स्थलों को नजरंदाज किया जा रहा है जिन स्थलों से कोविड संक्रमित मरीजों के शहर में प्रवेश कर आबादी को संक्रमित किए जाने का खतरा है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विशेषज्ञ भले ही प्रशासनिक व्यवस्था के नाराज होने के डर से मुखर होकर बात न कर रहे हों लेकिन  बातचीत में वे भी इस बात को स्वीकारते हैं कि जब तक पैंडेमिक सेंटर बने महानगरों से आने वालों की समुचित जांच के इंतजाम नहीं होते तब तक सारी प्रशासनिक कवायदें बेमानी है।

मिले 10 वेंटिलेटर पर सेवा 1 की भी नहीं 
कोविड इलाज में प्रशासन कितनी संजीदगी बरती जा रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तकरीबन एक साल पहले सांसद गणेश सिंह के प्रयासों से जिला अस्पताल को 10 वेंटिलेटर दिए थे, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज में अहम भूमिका अदा करने वाले वेंटिलेटर की सुविधा मरीजों को अब तक जिला अस्पताल प्रबंधन नहीं मुहैया करा सका है। वेंटिलेटर की जरूरत पड़ने पर अभी भी मरीजों को रीवा रेफर कर दिया जाता है। 

स्टेशनों को देखकर कोविड का अहसास नहीं
मैहर रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों में कोविड गाइडलाइन के पालन के संबंध में जायजा लिया, तो ऐसा लगा  कि शायद कोरोना है ही नहीं। रेलवे स्टेशन  पर रोजाना कई यात्री महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से आ रहे हैं, लेकिन यहां न तो कोई चैकिंग की जा रही है और न मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है। सैनिटाइजर भी नजर नहीं आया। कुल मिलाकर यहां कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मुंबई-पुणे और महाराष्ट्र के दूसरे शहरों से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों की जांच नहीं की जा रही। लोग बेरोकटोक लोग आ-जा रहे हैं।

सतना स्टेशन में जांच की सुविधा दी गई है लेकिन यहां तैनात टीम की कार्यप्रणाली को देखें तो जांच औपचारिक ही नजर आती है। इस संबंध में रेलवे के मंडल अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि कोविड टेस्ट स्वास्थ्य अमले का काम है। सरकार चाहे, तो हम स्टेशन पर जगह देने को तैयार हैं। एक-एक यात्री की जांच करने का सिस्टम हमारे पास नहीं है। हमारा काम यात्रियों को लाना ले जाना है। मेडिकल टीम तो सरकार के पास है। जब ट्रेनें कम थीं, तब हमारा स्टाफ थर्मल स्क्रीनिंग कर रहा था, सामाजिक दूरी का पालन करवा रहा था। अब यात्रियों को मास्क लगाने के लिए टोक रहे हैं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए कह रहे हैं। स्टॉल पर मास्क-सैनिटाइजर रखवाए गए हैं। इससे ज्यादा हम नहीं कर पाएंगे।

सरकार कोविड संक्रमण रोकने और संक्रमित मरीजों के इलाज के बेहतर  प्रयास कर रही है। स्वयं मुख्यमंत्रीजी कोविड नियंत्रण अभियान की लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं और जिन जिलों में जैसी आवश्यकता है वैसी पूर्ति की जा रही है। जहां तक बाहरी लोगों के आगमन पर जांच का सवाल है तो वह भी की जा रही है। सतना में यह सुविधा शुरू हो गई है। हम कोविड नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध हैं। लोग भी सजग रहें, मास्क लगाएं और दो गज दूरी भी बनाए। 
रामखेलावन पटेल, राज्यमंत्री 

बढ़ता संक्रमण चिंता का विषय है। निश्चित तौर पर बाहर से आने वालों की जांच होनी चाहिए। इस संबंध में मैं प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करूंगा । जहां तक सवाल 10 वेंटिलेटर न चालू होने का है तो यह गंभीर बात है। अधिकारियों से बात कर इस बात की समीक्षा की जाएगी कि आखिर वेंटिलेटर हासिल होने के बाद भी चालू क्यों नहीं किए गए? 
गणेश सिंह, सांसद 

धार्मिक स्थलों पर  बाहर के लोगों की आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। स्टेशन में यदि बाहर के यात्री उतर रहे हैं तो उनकी समुचित जांच कर ही स्टेशन से बाहर निकलने देना चाहिए। यदि जांच में कोई पाजिटिव आता है तो उसे क्वारंटीन किया जाना चाहिए। मै रेलवे अधिकारियों से चर्चा कर इसे सुनिश्चित कराने का प्रयास करूंगा। पीएमओ को पत्र लिखकर भी आग्रह करूंगा कि प्रधानमंत्रीजी भी मन की बात कर प्रवासी श्रमिकों को भरोसा दिलाएं । 
नारायण त्रिपाठी, विधायक मैहर 

निश्चित तौर पर महानगरों से आने वालों की टेस्टिंग स्टेशन से बाहर निकलने के पहले होनी चाहिए ताकि यदि वे संक्रमित हैं तो उन्हें त्वरित इलाज मिल सके और दूसरों तक संक्रमण न फैल सके। मैं इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करूंगा। हालांकि सरकार बेहतर कदम उठा रही है लेकिन स्थानीय स्तर पर भी सजगता बरतना बेहद आवश्यक है। 
विक्रम सिंह विक्की, विधायक रामपुर बाघेलान

कोविड नियंत्रण में सरकार पूरी तरह फेल है। एक साल से अधिक समय से संक्रमण फैला हुआ है लेकिन प्रदेश सरकार एक साल में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा तक नहीं कर पाई है। सरकार की चिंता में प्रदेशवासी नहीं बल्कि चुनाव हैं।  सरकार की विफलता  के कारण ही न केवल संक्रमण बढ़ रहा है बल्कि लोगों को जान भी गवानी पड़ रही है। 
नीलांशु चतुर्वेदी, विधायक चित्रकूट