अब सेस पर सेस नहीं, फिर भी सस्ता नहीं होगा पेट्रोल-डीजल

सतना। दो साल पहले प्रदेश में डीजल और पेट्रोल पर लगने वाले सेस (उपकर) के ऊपर सेस की गणना होने वाली व्यवस्था को प्रदेश में मंगलवार को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद लंबे समय से इन दोनों प्रेट्रोलियम पदार्थों में महंगाई की मार झेल रहे प्रदेश के उपभोक्ताओं को इनकी कीमतों में कुछ कमी आने की आशा जागी थी जो शाम होते-होते विभाग के एक स्पष्टीकरण से कफूर हो गई। 

विभागीय सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर अधिनियम, 2018 तथा मध्य प्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर अधिनियम, 2018 प्रदेश में 29 जनवरी 18 को प्रभावी हुआ था। इसमें कर योग्य कुल राशि की गणना में उपकर पर उपकर लग जाता है। अर्थात दोहरी गणना हो जाती है। इसी प्रकार किसी पंजीयत व्यवसायी से उपकर चुका कर खरीदे गये पेट्रोल/डीजल के केवल क्रय मूल्य की छूट क्रेता व्यवसायी को प्राप्त होने का अभी प्रावधान है, जबकि यह छूट विक्रय मूल्य की मिलना चाहिए ताकि केवल प्रथम बिंदु पर पेट्रोल/डीजल के विक्रय पर ही उपकर देय हो।

उपकर के अधिरोपण में इस अस्पष्टता को दूर करने को लेकर मंगलवार सुबह सरकार की ओर से घोषणा की गई और इसके बाद सोशल मीडिया में इस आशय के संदेश भी चलने लगे कि प्रदेश सरकार द्वारा उपभोक्ता को भारी राहत प्रदान की गई है। इन संदेशों में तो यहां तक बता दिया गया कि उपकर खत्म होे से आज रात 12 बजे से पेट्रोल 4 रुपए ओर डीजल 1.50 रुपये सस्ता हो सकता है। लेकिन उपभोक्ता कि यह खुशी अधिक देर तक नहीं चल पाई।

वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कह दिया कि इस संशोधन के तहत उपकर की दर में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है तथा इस संशोधन का कोई प्रभाव पेट्रोल/डीजल के वर्तमान मूल्य पर नहीं पड़ेगा। क्योंकि उपकर के अधिरोपण में इस अस्पष्टता दूर करने तथा उपकर पर उपकर के प्रभार को समाप्त करने के उददेश्य ‘कर योग्य कुल राशि’ की परिभाषा में संशोधन किया जा रहा है।

विभाग द्वारा दो साल पहले लागू व्यवस्था में पेट्रोल/डीजल पर कर योग्य कुल राशि की गणना में उपकर पर उपकर लग जाता है। विभाग द्वारा ‘कर योग्य कुल राशि’ की परिभाषा में संशोधन किया गया है। इसका दोनों की वर्तमान कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
राममिलन साहू
प्रभारी संयुक्त आयुक्त राज्यकर