सहारा इंडिया बैंक के खाताधारकों का दर्द: वे कहते हैं सबको मयब्याज वापस करेंगे पर अभी कैसे काम चलाएं

सतना। ‘वे कहते हैं कि धैर्य रखें, आपके मेहनत का पैसा कहीं नहीं जाएगा  सबको मय ब्याज मिलेगा । मिलने की तारीख और माह बदलते रहते हैं। अब मार्च-अप्रैल तक ब्याज सहित पैसा देने की बात कह रहे हैं, पर हमारी जरूरतें तो अभी है, अभी कैसे काम चलाएं’। यह अनुराग , रामखेलावन जायसवाल, पार्वती आदिवासी, अभिलाषा गुप्ता जैसे उन सैकड़ों उपभोक्ताओं के वे सवाल हैं जिनसे रीवा रोड स्थित सहारा इंडिया बैंक प्रबंधन के अधिकारियों व कर्मचारियों को इन दिनों जूझना पड़ रहा है।

दरअसल कंपनी प्रबंधन के कानूनी दांव पेंचों में उलझे होने के कारण बैंक में अरसा पूर्व खाता खुलवाने वाले खाताधारकों का भुगतान मियाद पूरी होने के बाद भी नहीं हो सका है। इनमे से कई ऐसे खताधारक भी हैं जिनके फिक्सड डिपोजिट समेत विभिन्न प्रकार के खातों की मियाद को पूरा हुए साल से डेढ़ साल बीत चुका है। हालांकि प्रबंधन लगातार खाताधारकों से धैर्य रखने की नसीहत देता है लेकिन अभिलाषा गुप्ता, एकता गुप्ता, विनोद कुमार, सुनील मिश्रा, विमला सिंह, विमला देवी, पुष्पराज सिंह , राजेंद्र गौतम ,मो. आजाद बेग जैसे खाताधारकों का कहना है कि आखिर कब तक हम धैर्य रखें। हमें प्रबंधन द्वारा तारीख पर तारीख दी जाती है लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा है। 

थाने पहुंचा मामला 
इस मामले में जमाकर्ताओं ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। सिटी कोतवाली में शिकायत करते हुए जमाकर्ताओं ने अपनी व्यथा सुनाई जिस पर कोतवाली पुलिस ने बैंक प्रबंधन से जानकारी तलब की। सहारा इंडिया के सेक्टर प्रमुख सतना ने  कोतवाली पुलिस को दिए पत्र में जानकारी दी है कि रामखेलावन जायसवाल का भुगतान मार्च माह में, अशोक कुमार कोटवानी को मार्च-अप्रैल माह में,  प्रदीप कुमार सिंह का अप्रैल में भुगतान किया जाएगा । इसी पत्र में जारी दी गई कि मृतक विश्राम पाल की उत्तराधिकारी फुलिया पाल व स्व. नेहा चांदवानी के उत्तराधिकारी मोहित चांदवानी का भुगतान वांछित प्रपत्रों के अभव में नहीं हुआ जबकि जमाकर्ता बेबा देवी चौरसिया, शोभनाथ पाल व मूलचंद्र सेन का भुगतान मोबाइल नंबर गलत होने से संपर्क न हो पाने के कारण नहीं किया गया। जमाकर्ताओं का कहना है कि चंद नाम थानें में देकर प्रबंधन गुमराह कर रहा है, जबकि जमाकर्ताओं की तादाद बहुत है। जिले में हजारों की संख्या में तो एजेंट ही  हैं तो जमाकर्ताओं की संख्या का अंदाजा सहसा ही लगाया जा सकता है। 

इसलिए बढ़ रही नाराजगी 
जमाकर्ताओं का कहना है कि प्रबंधन उन्हें बार बार तारीख क्यों देता है, एक निश्चित तारीख क्यों नहीं बताता कि उन्हें भुगतान कब किया जाएगा? जमाकर्ताओं का एक आरोप यह भी है कि प्रबंधन चीन्ह-चीन्ह कर भुगतान कर रहा है मसलन यदि कोई प्रभावशाली व्यक्ति पहुंच गया तो उसका भुगतान जल्द कर दिया जाता है। एक जमाकर्ता रामखेलावन जायसवाल का कहना है कि पहले दिसबर माह में पैसा देने की बात कही गई लेकिन फिर थाने में लिखित दे आया गया कि मार्च माह में भुगतान करेंगे, जबकि कुछ लोगों को भुगतान अभी भी दिया जा रहा है जबकि हमें फिर से फिक्स में डालने का पाठ पढ़ाया जा रहा है और बेहद जरूरत होने पर भी भुगतान नहीं किया जा रहा। 

कहता है प्रबंधन 
इस संबंध में सहारा इंडिया के सेक्टर प्रमुख राजेश त्रिपाठी ने बताया कि यह सही है कि कुछ भुगतान उलझे हुए हैं जिनकी प्रोसीडिँग जारी है। सेक्टर प्रमुख ने कहा कि हम सभी जमाकर्ताओं का सम्मान करते हैं तथा आश्वस्त करते हैं कि उन्हें जब भुगतान किया जाएगा तब तक की ब्याज के साथ भुगतान होगा। मंगलवार को उच्च स्तर पर सुनवाई है , संभव है कि मार्च के पहले ही भुगतान का निदान निकल आए।