सड़ चुका था शरीर, कीड़े खा गए थे सारे आर्गन, पीएम से नहीं खुला मौत का राज

रीवा। रीवा के जंगल में एक तेंदुए की जान ले ली। हनुमना के जड़कुड बीट में एक वयस्क तेंदुआ मृत मिला। शरीर पूरी तरह से सड़ चुका था। अंदर का एक भी आर्गन नहीं बचा था। वन विभाग की टीम मृत तेंदुआ लेकर पीएम के लिए चिड़ियाघर जरूर पहुंची,लेकिन निराशा ही मिली। पीएम में कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ।

मृत तेंदुआ का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार रीवा अंतर्गत हनुमना वन क्षेत्र के जड़कुड बीट प्रभारी अशोक मिश्रा को जंगल में एक मृत तेंदुआ मिला। इसकी सूचना दोपहर एक बजे हनुमना रेंजर बृजभान चर्मकार को दी गई। रेंजर टीम के साथ करीब 3 बजे दोपहर मौके पर पहुंचे।

मृत तेंदुआ मुख्य मार्ग से जंगल में करीब 3 किमी अंदर पड़ा था। टीम किसी तरह मौके पर पहुंची। वहां पंचनामा तैयार किया गया। शव को वन विभाग ने कब्जे में लिया और हनुमना रेंज आफिस के लिए रवाना हो गई। रात में शव को हनुमना रेंज आफिस में ही रखा गया। यहां से टीम शुक्रवार की सुबह 8 बजे पीएम के लिए मार्तण्ड सिंह जूदेव चिड़ियाघर के लिए रवाना हुई। दो घंटे में टीम चिड़ियाघर पहुंची। चिड़ियाघर में मरे हुए तेंदुए का पीएम कराया गया। पीएम के बाद कंजरवेटर आफिसर राजीव मिश्रा की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

1 सप्ताह पुराना था शव
जड़कुड का जंगल और यूपी का जंगल एक दूसरे से सटा हुआ है। इसके बॉर्डर पर ही तेंदुआ मरा हुआ मिला। तेंदुआ का शव पूरी तरह से सड़ चुका था। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि शव करीब एक सप्ताह पुराना है। लंबे समय तक जंगल में शव पड़ा रहने के कारण ही उसे बचाया नहीं जा सका। इससे वन विभाग की मॉनीटरिंग भी सवालोें के घेरे में है।

खाल से हुई पहचान
तेंदुआ पूरी तरह से सड़ चुका था। शव को कीडेÞ, मकोड़े और वन्यजीवों ने खाकर खोखला कर दिया था। खाल तक नहीं बची थी। अंदर के सारे अंग गायब हो गए थे। पूरे शरीर में कीड़े लगे हुए थे। पीएम के दौरान सिर और खाल से ही तेंदुआ की पहचान हो सकी। 

नहीं खुल पाया राज
चिड़ियाघर के डॉक्टरों की टीम ने जब पीएम शुरू किया तो तेंदुआ के शरीर में कुछ जांच के लिए मिला ही नहीं। सब कुछ सड़ चुका था। ऐसे में उसकी मौत कैसे हुई, यह भी पता नहीं चल पाया। अब वन विभाग के अधिकारियों को ही जंगल में उतर कर उसके मौत के कारणों को तलाशना होगा।

बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर ने दोपहर को सूचना दी थी। टीम के साथ मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिए थे। शुक्रवार की सुबह 8 बजे पीएम के लिए चिड़ियाघर ले गए। वहीं पर अंतिम संस्कार कराया गया। शव सड़ गया था, कारण पता नहीं चल पाया है।
बृजभान चर्मकार, रेंजर, हनुमना रीवा

मृत मिला वन्यजीव तेंदुआ ही है। शव पूरी तरह से सड़क चुका था, खाल और खोपड़ी से पहचान हो पाई है। एक भी आर्गन नहीं बचा था। मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मृत तेंदुआ पूरी तरह से वयस्क है। 
संजय रायखेरे, संचालक, मार्तण्ड सिंह जुदेव चिड़ियाघर रीवा