बाघ का खौफ, मशाल लेकर कर रहे पेट्रोलिंग

सतना | मझगवां-चितहरा रेलखंड में बाघ की दहशत ऐसी है कि रेलवे कर्मचारियों को अब नाइट पेट्रोलिंग के लिए मशाल का सहारा लेना पड़ता है ताकि बाघ उन पर हमला न कर सकें। बताया जाता है पेट्रोलिंग कर रहे कर्मचारियों को खुद भी जलने का खतरा बना रहता हैं लेकिन मरते क्या न करते? उनकी सुरक्षा को लेकर न तो रेल प्रशासन ने ठोस कदम उठाया है न ही वन विभाग ने। एक दिन पटाखे फोड़ने व साथ में चलने के बाद वो भी नहीं चलते।

उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी की रात 1 बजकर 10 मिनट पर मझगवां-चितहरा के बीच पेट्रोलिंग के दौरान रेल किलोमीटर 1215/9 से 1216 रेल ट्रैक पर पेट्रोल मेन रजनीश कुमार और नारायण गौतम ने एक बाघिन अपने दो शावकों के साथ देखी थी और जान बचाकर भागे थे। वहीं 12520 कामख्या एक्सप्रेस के लोको पायलट ने भी ट्रैक पर बाघिन दिखने की पुष्टि की थी। वहीं 11 जनवरी को मझगवां-चितहरा के बीच 1218 से 1216 के बीच पांच कर्मचारी दोनों तरफ से घिर गए थे, एक तरफ बाघ था तो दूसरी तरफ बाघिन अपने दो शावकों के साथ खड़ी थी। पेट्रोल मैनों ने सहायक मंडल अभियंता को सुरक्षा की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था।

बढ़ाई पेट्रोल मैनों की संख्या 
बताया गया कि बाघिन के मूवमेंट के बाद रेलवे ने लाइन पेट्रोलिंग में कर्मचारियों की संख्या बढा दी है। पहले रेलवे गैगमैन और प्राइवेट व्यक्ति द्वारा पेट्रोलिंग करवाई जाती थी लेकिन अब 2 प्राइवेट एवं एक रेलवे गैगमैन रात 11 से सुबह 7 बजे तक पेट्रोलिंग करते हैं। 

फिसल कर गिरा गैगमैन घायल 
गुरुवार - शुक्रवार की दरम्यानी रात हुई बारिश के कारण गैगमैन फिसलकर घायल हो गया। बताया जाता है कि खुटहा स्टेशन के पास पेट्रोलिंग कर पेट्रोल मैन प्रताप कुमार पैर फिसलने के कारण घायल हो गया जिसे सिर में टांके लगे हुए हैं एवं हांथ फैक्चर हो गया है। आनन- फानन में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।