ड्राय रन: हेल्थ वर्करों को लगी कोरोना वैक्सीन
फैक्ट फाइल
- बिना आईडी प्रूफ के वैक्सीनेशन
- अधिकांस स्टाफ के पास फोटो आईडी नहीं
- सीएस के टोकने के बाद भी संजीदगी नहीं
- थर्मल स्क्रीनिंग हुई पर आॅक्सीजन की जांच नहीं
- दस्तावेजों की जांच करने कोई कर्मचारी नहीं
- ड्राय रन में वैक्सीन के लिए मोबाइल मैसेज की जांच नहीं
- थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान सोशल डिस्टेंस भी नहीं
सतना | कोरोना वैक्सीन का ड्राय रन शुक्रवार को सतना में किया गया और इस दौरान कोविड के वैक्सीनेटरों ने 90 हेल्थ वर्करों को कोरोना की वैक्सीन देकर उनको 30 मिनट का इंतजार करने को कहा जो वेटिंग रूम में इंतजार करते रहे तो इधर एक-एक कर कर्मचारियों को वैक्सीनेशन के लिए अंदर भेजा गया।
दरअसल ये कोरोना वैक्सीन का मॉकड्रिल था जिसका ट्रायल ड्राय रन के तौर पर सतना के जिला अस्पताल व अर्बन पीएचसी धवारी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोहावल में किया गया है। शुक्रवार को तकरीबन 12 बजे चिकित्सालय में वैक्सीन ट्रायल का काम शुरु किया गया। वहां जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सतेंद्र सिंह,सिविल सर्जन डॉ प्रमोद पाठक,पूर्व सीएस डॉ एसबी सिंह, प्रशासक इकबाल सिंह तो कुछ देरी पर धवारी पीएसची का ड्राय रन देखने के बाद सीएमएचओ डॉ एके अवधिया भी पहुंच गए।
सतना जिले में कोरोना वैक्सीन लगने के पहले शुक्रवार को 3 स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड-19 टीकाकरण का ड्राय रन किया गया। सुबह 9 बजे से वैक्सीनेशन का पूर्व अभ्यास किया गया। ड्राय रन के दौरान तीनों स्थानों पर एक साथ संचालित किया गया। स्वास्थ्य विभाग का अमला ड्राय रन की तैयारी में जुट गया था। ड्राय रन के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य केंद्र बुलाया गया जहां पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों को सैनिटाइज करते हुए थर्मल स्क्रीनिंग की गई और उसके बाद वैक्सीनेशन के लिए भेजा गया।
पहले वेटिंग रुम फिर वैक्सीनेशन
जिला अस्पताल व सोहावल धवारी में शुक्रवार को कोविड-19 टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के तहत की गई मॉकड्रिल में जांच उपरांत हितग्राही को वेटिंग रूम में बैठाया गया। इसके बाद वैक्सीनेशन रूम में बुलाकर उन्हें कोविड-19 का टीका लगाया गया। वैक्सीनेशन के बाद स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं को निगरानी कक्ष में आधे घंटे तक रोके रखा गया। स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं को जब कोई परेशानी नहीं हुई तो उन्हें घर भेजने की प्रक्रिया पूरी की गई। तीनों स्थानों पर ड्राय रन में 30-30 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया गया था। सभी केंद्रों में चिकित्सकों की देखरेख में ड्राय रन को सफलतापूर्वक संचालित किया गया।
वैक्सीनेशन प्रोटोकाल को धता
कोरोना वैक्सीन के वैक्सीनेशन में कहने को तो कई तरह के प्रोटोकाल हैं पर सतना के जिला अस्पताल में भले ही ये महज एक ड्राय रन था पर प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया। जबकि प्रोटोकाल का जब माखौल उड़ाया जा रहा था तो विभाग के आला अफसर यहां तक कि जिला टीकाकरण अधिकारी और खुद सीएमएचओ और सिविल सर्जन मौजूद रहे फिर भी वैक्सीनेशन के प्रोटोकाल नियमों की गाइडलाइन ताक पर रही। न तो किसी के दस्तावेज देखे गए न ही सरकारी आईडी न तो फोटो आईडी।
यहां तक कि एसपीओटू की जांच भी नहीं हुई। मोबाईल में मैसेज दिखाने का मॉकड्रिल भी नहीं देखा गया। इतना ही नहीं अधिकांश कर्मचारियों के पास आईडी तक नहीं थी और उनको वैक्सीन लगाई गई। जबकि डॉ प्रमोद पाठक व डॉ एसबी सिंह ने एक बार आईडी को लेकर टोका भी पर नाम का मिलान किया और वैक्सीन के लिए भेज दिया गया। जबकि सबसे पहला प्रोटोकाल दस्तावेजों का मिलान है लेकिन वहां इसके लिए कोई मौजूद नहीं था। ऐसे हाल तब थे जब स्वास्थ्य के सभी आला अधिकारी मौजूद थे । कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि ड्राय रन में औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की गर्इं।