धान खरीदी में गड़बड़ी की जांच करने भोपाल से आएगी टीम
रीवा। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के मामले पर मचे बवाल के बीच बड़े पैमाने पर अनियमितताएं भी सामने आने लगी हैं। खरीदी में प्रशासनिक उदासीनता और समिति प्रबंधकों की मनमानी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है। यही नहीं आम किसानों की बजाय बिचौलियों और दलालों के माध्यम से बड़े पैमाने पर धान खरीदी गई। अब इस मामले की जांच करने भोपाल से उच्च स्तरीय टीम रीवा आ रही है।
जिले में 20 नवंबर से 71 खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर शुरू की गई धान की खरीदी 20 जनवरी को खत्म हो गई है। ऐसे में पंजीकृत किसानों में से आधे ही अपनी धान की बिक्री कर पाए हैं। बावजूद शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि अभी आधे किसान अपनी धान की बिक्री नहीं कर पाए हैं। ऐसे में लक्ष्य पूरा हो जाना अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़ा कर देता है।
गौर करने वाली बात यह है कि किसानों के खेत में बोई गई फसल की पटवारियों द्वारा की गई गिरदावली या तो फर्जी रूप से की गई है या उत्तरप्रदेश की धान रीवा जिले के खरीदी केन्द्रों में बेची गई है। पोर्टल में लक्ष्य से ज्यादा की गई खरीदी में किस तरह की गड़बड़ी की गई है इसके लिए शासन ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर इसकी जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
बघवारी में तहसीलदार ने खुलवाया जाम
नौबस्ता बघवारी में आंदोलित किसानों ने चकाजाम कर दिया। पूरा दिन सड़क को जाम कर किसानों ने अपनी धान की खरीदी पुन: चालू किए जाने तथा खरीदी प्रभारियों द्वारा की गई गड़बड़ी के जांच की मांग की। इस दौरान मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार सतीश सोनी ने किसानों को भोपाल से गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी दिखाकर किसानों को संतुष्ट किया। तब जाकर जाम खुल पाया है।
कंधे पर बोरी लेकर एसडीएम दफ्तर में घुसे विधायक
खरीदी में गड़बड़ी को लेकर धरने पर बैठे मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल का सब्र गुरुवार को जवाब दे दिया और वे धान की बोरी कंधे पर लादकर एसडीएम दफ्तर जा घुसे। इस दौरान उनके साथ मऊगंज के किसान भी एसडीएम कार्यालय को घेर लिए हैं। विधायक श्री पटेल का कहना है कि जब तक धान खरीदी में की गई गड़बड़ी एवं खरीदी केन्द्रों में बिक्री के लिए भटक रहे किसान तथा अधिकारियों द्वारा टोकन में की गई गड़बड़ी की जांच नहीं की जाती वह धरना नहीं छोड़ेंगे। वहीं त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी भी खरीदी में गड़बड़ी को लेकर चौथे दिन धरने पर बैठे हुए हैं।
5 सदस्यीय टीम को जांच का जिम्मा
खरीफ विपणन में शासन द्वारा रीवा जिले में धान उपार्जन का दायित्व कार्पोरेशन को सौंपा था। ऐसे में रीवा जिले के विभिन्न खरीदी केन्द्रों में धान बिक्री के लिए किसानों की लम्बी कतार एवं सड़क पर हो रहे आंदोलन के मद्देनजर शासन ने उच्च स्तरीय जांच बैठा दी है। जिसमें श्रीमती राखी सहाय क्षेत्रीय प्रबंधक इंदौर, केके श्रीवास्तव प्रभारी महाप्रबंधक मुख्यालय भोपाल, एलएल अहिरवार क्षेत्रीय प्रबंधक भोपाल नर्मदापुरम, अश्वनी रावत क्षेत्रीय प्रबंधक ग्वालियर एवं योगेश सिंह प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक इंदौर को जांच का जिम्मा सौंपा है। बताया गया है कि जिले के विभिन्न खरीदी केन्द्रों में किसानों की डम्प पड़ी धान का भौतिक सत्यापन कर शासन को जानकारी दी जाएगी।
कई केन्द्रों में सैकड़ों भरे ट्रैक्टर खड़े
जिले के ज्यादातर खरीदी केन्द्रों में कई दिनों से धान से लदे ट्रैक्टर सैकड़ों की मात्रा में खड़े हुए हैं। किसानों द्वारा बताया गया है कि धान खरीदी के अंतिम दिन 20 जनवरी को पोर्टल बंद था। ऐसे में जो टोकन अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं वह बिचौलियों के माध्यम से दिए गए हैं। वास्तविक किसान टोकन से वंचित रह गया है। नईगढ़ी, नौबस्ता, बघवारी, मांगी एवं सिरमौर खरीदी केन्द्र में दो-दो सौ ट्रैक्टर धान से लदे खड़े हुए हैं। उनकी तौल न हो पाने से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है। किसान पूरी तरह से आंदोलन के मूड में है।