सिंधिया ने कहा बुलाया जाता तो मैं जाता, हार पर मंथन जरूरी
बयान पर गर्मा गई सियासत, कांग्रेस ने कसा तंज
भोपाल। विजयपुर उपचुनाव में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रचार से दूरी काफी चर्चा रही। इसे लेकर अब सिंधिया ने स्पष्ट किया कि उन्हें बुलाया जाता तो वे जरूर जाते। विजयपुर में मिली भाजपा की हार को लेकर भी उन्होंने कहा कि इस हार पर चिंतन और मंथन की जरूरत है। सिंधिया के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों चार दिवसीय दौरे पर ग्वालियर अंचल के दौरे पर ग्वालियर हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए सिंधिया ने महाराष्ट्र चुनाव की जीत को अभूतपूर्व बताते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास में पहले हरियाणा की जनता और अब महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा का परचम लहराया है। सिंधिया ने विपक्ष द्वारा उठाए गए ईवीएम के मुद्दे पर कहा, जीतो तो ठीक, ना जीतो तो किसी और के सर पर मटका फोड़ो, यह कब तक चलता रहेगा। जो लोग अपने आप को पहचानना नहीं चाहते अपनी कमियों को नहीं देखना चाहते उन्हें कौन मदद कर सकता है। इसी दौरान जब मीडिया ने सिंधिया से विजयपुर में पार्टी को मिली हार और उनके वहां प्रचार करने नहीं जाने पर कहा, इसमें हमें चिंतन करने की आवश्यकता है। जरूर चिंता की बात है लेकिन मतों में भी बढ़ोतरी हुई है और अगर मुझे कहा जाता तो मैं जरूर जाता।
झूठों के कुनबे में सच कौन बोल रहा?
सिंधिया के इस बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश के विजयपुर उप चुनाव में लोकतंत्र को लूटने के तमाम प्रामाणिक प्रयासों के बावजूद भी जब भाजपा बुरी तरह पराजय का स्वाद चख चुकी है,तब नेता अपना प्रभाव बताने की कोशिशों में लग गये हैं’? ऐसा ही किया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य िंसधिया ने,कहा कि “यदि पार्टी ने मुझसे जाने को कहा होता तो मैं भी वहां जाता (यानी यह मुग़ालता कि मैं वहां जाता तो भाजपा प्रत्याशी जीत जाते) ? (गुना) ? सिंधिया साहब, पार्टी ने तो यह कहा था कि आप महाराष्ट्र चुनाव में हैं, इसलिये वहां नहीं गए, “अब झूठों के कुनबे में सच कौन बोल रहा है.