APSU में 8 करोड़ की लागत से तैयार होगा शोध केन्द्र
रीवा | आने वाले भविष्य में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में भी हाईटेक यूनिवर्सिटीज की तरह शोध की पढ़ाई होगी। विश्वविद्यालय में रूसा से मिले अनुदान की सहायता से साढ़े 8 करोड़ रुपए में रिसर्च सेन्टर तैयार होगा। जहां रसायनिक अभिक्रियाओं की ऊष्मा का मापन सहित कैंसर का पता लगाने वाली मशीन स्थापित होगी।
गौरतलब है कि रूसा ने विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया है। जिसमें से पहली किश्त के तौर पर दस करोड़ रुपए विश्वविद्यालय को मिल चुके है। जो रिसर्च सेन्टर विश्वविद्यालय स्थापित होगा उसमें आधुनिक ऊष्मा मापी डिफररेंशियल स्के्रनिंग कैलोरीमीटर की मशीन होगी। जिसकी सहायता से छात्र रसायनिक अभिक्रियाओं और भौतिक परिवर्तन की उष्मा माप सकेंगे। कुल मिलाकर विश्वविद्यालय में जैविक, रासायनिक और भौतिक शोध कार्यों को मजबूती मिलेगी। फिलहाल दस करोड़ रुपए की राशि से विश्वविद्यालय 1 करोड़ 65 लाख के रुपए में प्रयोग शाला के उपकरणों की खरीददारी करेगा।
दस साल से था अनुदान का इंतजार
विश्वविद्यालय को पिछले दस साल से इतने बड़े अनुदान की जरूरत थी। एक दशक के इंतजार के बाद विश्वविद्यालय को रूसा से 20 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ। ऐसे में देर से आये दुरूस्त आये की कहावत सटीक बैठती है। आने वाले भविष्य में विश्वविद्यालय रिसर्च कार्यों में पूरे देश के लिए अहम भागेदारी का हिस्सा बनेगा। यहां के छात्र आधुनिक लैब में पढ़ाई करेंगे।
ये उपकरण खरीदे जाएंगे
विश्वविद्यालय के पर्यावरण जींव विज्ञान विभाग को रियल टाइम पीसीआर मशीन मिलेगी। जिसमें जेनिटिक आफ हÞयूमन प्लाट एण्ड माइक्रोबायोलॉजिकल डायवर्सिटीज स्टण्डी की जा सकेगी। ये ऐसी मशीन का है जिसका इस्तेमाल गंभीर कैंसर का पता लगाने में किया जा सकता है। वहीं भौतिकी विज्ञान विभाग को एफआईअी एस्टोमीटर मिलेगा। जिसका इस्तेमाल गैसीय पदार्थों द्वारा उत्सर्जित प्रकाश किरणों के अध्ययन में किया जाता है।
नया भवन तैयार होगा
बताया गया है कि केमिकल रिसेक्शन को जानने के लिए मशीन मंगाई जाएगी। इसके अलावा आर्गोनिंक्स और बायोेकेमिकल एक्टि से अभिक्रियाओं का अध्ययन भी इस मशीन से हो सकेगा। विश्वविद्यालय में आधुनिक रिसर्च सेन्टर का भवन तैयार किया जाएगा। यह सब तभी होगा जब पहली किश्त की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र रूसा को देगा और इसके बाद दूसरे दस करोड़ रुपए की किश्त मिलेगी।