मरीजों को नहीं मिल पा रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, एसजीएमएच में स्टाफ नर्स के 270 पद खाली

रीवा | विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में चिकित्सकों के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी है। यहां पर स्टाफ नर्स के 700 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 270 खाली है। इन रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया करीब पांच साल से बंद है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। अहम बात यह है कि इस मुद्दे को जिले के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

संजय गांधी अस्पताल को बने करीब दो दशक हो चुके हैं। लेकिन यहां पर उपचार व्यवस्था जस की तस है। यहां पर चिकित्सक की कमी तो है ही, इसके साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ का भी रोना है। जानकारी के अनुसार एसजीएमएच और जीएमएच में मिलाकर स्टाफ नर्स के 700 पदों को स्वीकृति सरकार की ओर से दी गई है। लेकिन यहां पर वर्तमान समय में 430 नर्स ही सेवा दे रही हैं, जबकि 270 पद खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में साफ है कि यहां आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा नहीं मिल पा रही है। मरीजों को इंजेक्शन, ड्रिप लगवाने के लिए नर्सों को इधर-उधर तलाश करना पड़ता है। लेकिन इस मामले को लेकर न तो प्रशासनिक अधिकारी और ना ही जिले के जन प्रतिनिधि गंभीर है। यही वजह है कि दो दशक बीत जाने के बाद भी अस्पताल की उपचार व्यवस्था वेंटीलेटर पर है।

क्या है आईसीएमआर की गाइड लाइन
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज से संबंध अस्पताल के आईसीयू वार्ड में तीन बेड पर एक नर्स की पदस्थापना होनी चाहिए। लेकिन एसजीएमएच में ऐसा नहीं है। यहां के आईसीयू में 14 बेड है, लेकिन नर्स केवल तीन। इसी प्रकरण अन्य वार्डों का भी हाल है। गाइड लाइन के अनुसार कहीं भी नर्सों की तैनाती नहीं है।

5 साल से बंद है भर्ती प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार श्यामशाह मेडिकल कॉलेज से संबंध एसजीएमएच और जीएमएच में वर्ष 2015 से स्टाफ नर्सों की भर्ती बंद है। करीब पांच साल हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कई बार प्रस्ताव बना कर शासन स्तर पर भेज भी चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। यही वजह है कि अब तक नर्सों के खाली पद भर नहीं पाए हैं।

अस्पताल में हैं 1150 बेड
ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल और गांधी मेमोरियल अस्पताल में मिलाकर 1150 बेड हैं। इसमें से 800 बेड संजय गांधी और 350 बेड जीएमएच में है। यहां पर दर्जन भर विभाग संचालित हो रहे हैं। सभी तरह के मरीजों का उपचार भी किया जा रहा है, लेकिन नर्सों की कमी के कारण बेहतर इलाज सुविधा मुहैया करा पाने में प्रबंधन नाकाम साबित होता जा रहा है।

50 स्टाफ नर्स सुपर स्पेशलिटी में शिफ्ट
संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ 430 नर्सों में से करीब 50 स्टाफ नर्स वर्तमान समय में मरीजों की देखभाल के लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट कर दी गई हैं। रिकार्ड के अनुसार सुपर स्पेशलिटी में 150 स्वीकृत पद हैं। जिसमें 9 की नियुक्तियां पूरी हो चुकी है। शेष 141 की नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। लेकिन, नियुक्ति आदेश जारी नहीं हो सका है। जिससे सुपर स्पेशलिटी में दोबारा रिक्त 131 नियुक्तियां निकाल दी गई हैं। जिसको लेकर चयनित अभ्यर्थी परेशान हैं। फिलहाल एसजीएमएच की स्टाफ नर्सों से वहां पर काम लिया जा रहा है।

एसजीएमएच और जीएमएच में स्टाफ नर्स के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को पत्र भेजा गया है। शासन की गाइड लाइन के अनुसार नर्सों की भर्ती प्रक्रिया की जाएगी। जल्द ही रिक्त पदों को भर लिया जाएगा।
डॉ. मनोज इंदुलकर, डीन एसएस मेडिकल कालेज