आयुष्मान भारत: योजना में अस्पताल नहीं, कहां जाएं 16 हजार कार्डधारी
सतना | प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना का लाभ भले ही न मिला हो पर नाम तो आज हर एक के जहन में हैं,पर बस नाम ही ...? क्योंकि योजना के दीदार तो किसी को हो नहीं रहे हैं...? अब होंगे भी कैसे सतना में योजना तो है पर अस्पताल नहीं हैं। सरकारी बजट में सतना के निजी अस्पताल गरीबों का इलाज करने को तैयार ही नहीं है।
चिकित्सालय को योजना में लाने यहां भी स्वास्थ्य के आला अफसरों ने निजी चिकित्सा संस्थानों के साथ मैराथन बैठक तो की पर नतीजा सिफर ही रहा। जिन अधिकारियों के एक हस्ताक्षर से शहर के नर्सिंगहोम व बिरला-सार्थक जैसे बड़े हॉस्पिटल संचालित हो रहे हैं उन बड़े अफसरों के निर्देशों को ताक पर रखकर अस्पताल प्रबंधन चलते बने। अब हालात ये हैं कि कमाई के चक्कर में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य स्कीम दम तोड़ रही है। कुल मिलाकर सरकारी दावे लाख हों पर सतना के गरीबों को ‘पीएम’ का ‘आयुष्मान’नहीं मिल रहा है।
सतना में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत निरामयम योजना का आगाज बड़े ही जोर-शोर से किया गया। जिला अस्पताल में योजना का बखान करने पीएम के संसद वाले साथी सतना सांसद गणेश सिंह व तबके विधायक जिनका अस्पताल में कभी बड़ा जोर था शंकरलाल तिवारी गए थे। बात अपै्रल 2018 की है,योजना का खूब बखान दोनो ने किया लेकिन अब सतना के 16 हजार हितग्राही इस स्वास्थ्य स्कीम का लाभ पाने चक्कर काट रहे हैं जिनको निजी अस्पतालों में कोई इलाज मुफ्त नहीं मिल रहा भले ही वो पात्र हैं।
गरीबों का ये दर्द सांसद को नहीं दिखता तिवारी तो अब पद में हैं नहीं पर 16 हजार गरीब जिले हैं और जिले के वर्तमान विधायक भी इससे दूर हैं। गरीबों का आयुष्मान कार्ड महज एक कड़क कागज से ज्यादा सतना में कुछ नहीं है। बता दें कि योजना के तहत पात्र परिवार के मुखिया व सदस्यों को एक साल में पांच लाख तक का मुफ्त उपचार दिया जाना हैं। इसमें 11 सौ 76 प्रकार की बीमारी शामिल हैं, जिसमें कैंसर, किडनी, कीमो, बर्न केस जैसी बीमारियां हैं।
नाक-कान व आंखों का होगा इलाज
सतना में आयुष्मान भारत योजना के तहत केवल दो अस्पताल हैं जहां 16 हजार कार्ड धारी अपना उपचार करवा सकते हैं पर बीमारी सीमित हैं। सतना के नाहर नर्सिंगहोम में नाक-कान व गला का उपचार हो सकता है। वहीं चित्रकूट के जानकी कुंड में आंखों का उपचार आॅपरेशन योजना के तहत किया जाएगा। अब इन दोनो अस्पतालों में होने को सारे इलाज आॅपरेशन होते हैं। मेडिसिन हो या चाहे आर्थो या फिर गायनी। इसके बाद भी सदगुरु में आंख और नाहर में इएनटी का ही इलाज दिया जाएगा।
सरकारी रेट में नहीं है मंजूर
सतना में निजी अस्पताल कई हैं और सबके तगड़े ठाठ हैं पर इन कारोबारी डॉक्टर व प्रबंधन के अपने रेट हैं। मरीजों को अपने हिसाब से ही ट्रीट करते हैं। सतना में बिरला,सार्थक ,पाठक, आयुष्मान हॉस्पिटल,प्रेम ,शारदा नर्सिंग होम जैसे कई अस्पताल हैं पर इनको योजना के तहत जो बीमारियां हैं उनका उपचार ये सरकारी दर पर करने को तैयार नहीं है। दूसरी ओर हालात ये कि स्वास्थ्य विभाग की ताकतवर कलम इनके रसूख के सामने बेचारी बिना स्याही हो जाती हैं। हालाकि इनमें बिरला ने आवेदन किया है जो अंडर प्रोसेस हैं, कुछ दिनों पहले तक बिरला अस्पताल का एमएबीएच एक्सपायरी था।
योजना के लिए आवेदन
- एवीएम अस्पताल
- सिटी हॉस्पिटल
- चित्रकूट चेरिटेबल
योजना के रेट मंजूर नहीं
- पाठक हॉस्पिटल
- आयुष्मान हॉस्पिटल
- प्रेम नर्सिंगहोम
- शारदा नर्सिंगहोम
दो अस्पताल नाहर और चित्रकूट में आयुष्मान योजना का लाभ मिल रहा है। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा निजी अस्पताल इस योजना से जुड़ें ताकि लोगों को सरकार द्वारा दी जा रही मदद का लाभ मिल सके।
अजय कटेसरिया, कलेक्टर
आयुष्मान भारत योजना में दो अस्पताल हैं। हमने मीटिंग कर और निजी तौर पर निजी अस्पताल प्रबंधकों से योजना से जुड़ने कहा है। किसी को सरकारी योजना के रेट पर मंजूरी नहीं है तो कई तरह के बहाने लोग कर रहे हैं। निजी अस्पताल आयुष्मान में हों तो सरकारी अस्पतालों में भीड़ भी कम हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ एके अवधिया, मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी