हर दुग्ध उत्पादक तक पहुंचेगी दुग्ध समितियां, संख्या भी बढ़ाई जाएगी

हर दुग्ध उत्पादक तक पहुंचेगी दुग्ध समितियां, संख्या भी बढ़ाई जाएगी
भोपाल। दुग्ध उत्पादकों को अधिकाधिक फायदा हो सके इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। इसी कड़ी में तय किया गया है कि प्रदेश में कार्यरत दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाई जाएंगी, जिससे की हर दुग्ध उत्पादक तक समितियों की पहुंच बन सके।
अगले पांच सालों तक मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन का जिम्मा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने तैयारी  कर ली गई है। इसके लिए एक एमओयू प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच किया जाएगा। यह एमओयू केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 25 फरवरी को  भोपाल में किया जाएगा। इसके लिए ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। ड्राफ्ट में किए गए प्रावधान के अनुसार पहले चरण में आने वाले तीन साल में दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।  वर्तमान में प्रदेश में दुग्ध समितियों की संख्या 6 हजार है, जिसे बढ़ाकर 9 हजार किया जाएगा। एक दुग्ध समिति लगभग 1 से 3 गांव में दुग्ध संकलन करती है, 9 हजार दुग्ध समितियां के माध्यम से लगभग 18 हजार ग्रामों को कवर किया जा सकेगा।
दुग्ध संकलन भी 10.50 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगा। इसके अतिरिक्त एनडीडीबी द्वारा दुग्ध उत्पादक संस्थाओं (एमपीओ) के माध्यम से कवर किए गए गांवों को 1390 से बढ़ाकर 2590 किया जाएगा तथा दूध की खरीद को 1.3 लाख किलोग्राम से बढ़कर 3.7 लाख किलोग्राम प्रतिदिन किया जाएगा। साथ ही दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जायेगी। वर्तमान में डेयरी प्लांट की क्षमता 18 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। इस तरह अगले 5 सालों में लगभग 1500 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय 1700 करोड़ रूपये से दोगुना कर 3500 करोड़ रूपये किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।