अन्य जिलों के मुकाबले यहां कम राजनीतिक हस्तक्षेप: नारेन्द्र प्रताप सिंह

सतना | प्रदेश की राजनीति में शुरू से ही विंध्य अंचल का दबदबा रहा है और जिलों में काम करने वाले अधिकारियों पर दबाव। लेकिन सतना में अंचल के अन्य जिलों के मुकाबले राजनीतिक हस्ताक्षेप काफी कम है।  यह कहना है जिला विपणन संघ के प्रबंधक नारेन्द्र प्रताप सिंह का। प्रस्तुत हैं स्टार समाचार से श्री सिंह की हुई बातचीत के अंश।

स्टार समाचार: मार्कफेड के दायित्व क्या  हैं?
श्री सिंह: मध्यप्रदेश विपणन संघ की स्थापना ही किसानों को उर्वरक, बीज तथा कृषि से जुड़ी अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हुई थी। मौजूदा समय मार्कफेड कम्पनियों से रासायनिक उर्वरक की खरीदी करके जिले की सहकारी समितियों को उपलब्ध कराता है। इसके अलावा संघ को जिले में नान से गेहूं उपार्जन कराने का काम भी कमीशन में मिलता है। यह सब काम 16 अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही आउट सोर्स कर्मचारियों के माध्यम से किया जाता है।

स्टार समाचार: मौजूदा समय मार्कफेड के सामने बड़ी चुनौती क्या है?
श्री सिंह: हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती खरीफ और रबी सीजन के दौरान किसान को समय पर खाद उपलब्ध कराने की होती है। हम इस कार्य में सफल भी रहे हैं। कभी कभार जब कम्पनियों से खाद की आपूर्ति नहीं हो पाती तब जरूर परेशानी होती है।

स्टार समाचार: खाद वितरण में डीबीटी योजना को कितना सफल पाते हैं?
श्री सिंह: केन्द्र सरकार द्वारा 4 साल पहले शुरू की गई डीबीटी योजना धीरे-धीरे अपने उद्येश्यों तक पहुंच रही है। इसके लागू हो जाने के बाद सीजन के दौरान कृत्रिम कमी दिखाकर की जाने वाली खाद की कालाबाजारी काफी हद तक कम हुई है। जब से उर्वरक मंत्रालय से सूची आने लगी है तब से निजी और सहकारी हर क्षेत्र का वितरक डरता है। अब तो अधिक मात्रा में खाद लेने में किसान भी डरते हैं।

स्टार समाचार: लेकिन पीओएस मशीन के चलते किसान परेशान तो हो रहे हैं?
श्री सिंह: हां यह सही है कि तकनीकी खराबी के चलते खाद वितरण में परेशानी होती है। सर्वर फेल हो जाने की दशा में घंटों किसानों को खाद नहीं मिलती तो काफी ऐसे भी होते हैं कि पूरा दिन खराब होने के बाद भी खाली हाथ लौटते हैं। यदि स्टाक मौजूद हो तथा सर्वर काम करे तो हमे खाद वितरण में कोई समस्या नहीं है।

स्टार समाचार: सेवाकॉल में अब तक का सफर कैसा रहा?
श्री सिंह: शहडोल जिले में व्यौहारी समीपी कुआं गांव जन्मस्थान है। भूमि विकास बैंक सीधी से सेवा की शुरूआत बतौर निरीक्षक शुरू की थी और महाप्रबंधक तक का सफर तय किया। अगस्त 17 से विपणन संघ की सेवा में आने के बाद शहडोल से सहायक प्रबंधक के रूप में शुरूआत की। रीवा और सीधी होते हुए 30 जुलाई 20 को सतना में डीएमओ के रूप में काम सौंपा गया है।