मंडी में 54 सौ के भाव बिका मसूर, चना 48 सौ के पार
सतना। स्थानीय कृषि उपज मंडी में बुधवार को सरसो और मसूर 54 सौ रुपये क्विंटल के भाव बिक गई। इसके पीछे-पीछे चना भी चला जिसकी डाक 4820 रुपये तक पहुंची। दर असल ये भाव सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से काफी अधिक हैं या उसके नजदीक। मंडी में अच्छी कीमत मिलने से चना, मसूर और सरसो की किसान के घर पहुंच रही नई फसल कहीं सीधे किसानों तो कही व्यापारियों के माध्यम से मंडी पहुंच रही है। कीमत अच्छी मिलने से किसानों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है और मंडी में आवक भी बढ़ रही है। सूत्रों का कहना है कि एमएसपी से अधिक कीमतें होने के कारण इनकी सरकारी खरीदी जब तक शुरू होगी उसके पहले ही अधिकांश माल मंडियों के माध्यम से बिक जाएगा।
4500 क्विंटल से अधिक की आवक
मंडी में होने वाले व्यापार के हिसाब से सीजन शुरू हो गया है। सीजन शुरू होने का आशय तात्कालिक सीजन की नई आवक के होने को माना जाता है। रबी सीजन चल रहा है और जिले में चना, मसूर, सरसो, अलसी आदि की कटाई का काम लगभग आधा हो चुका है। गेहू की कटाई अभी शुरू हो रही है। नई आवक की शुरूआत होने से कीमत भी अच्छी मिल रही है। बुधवार को मंडी में कुल आवक साढ़े चार हजार क्विंटल से अधिक देखी गई। उपज लेकर आने वालों में किसानों की संख्या कम ही रही।
गेहूं अभी भी सस्ता
मंडी में गेहूं छोंड़ अन्य जिंसों के भाव सरकारी रेट के नजदीक अथवा उससे अधिक चल रहे हैं। यह भी कह सकते हैं कि जो मौजूदा कीमतें हैं वह इसके पहले किसानों को नहीं मिलीं। बुधवार को चना 1500 क्विंटल आया और उसकी डॉक 4600 से शुरू होकर 4820 रुपये तक पहुंची। मसूर 800 सौ क्विंटल के करीब आया जिसके बिक्री 52 से 5400 रुपये के बीच रही। इन दोनों का समर्थन मूल्य सरकार ने 5100 रुपये क्विंटल तय कर रखा है। सरसो की आवक महज 300 क्विंटल के लगभग रही पर इसके भाव सरकारी रेट 4650 के मुकाबले 5100 से 5400 रुपये क्विंटल तक बिक गया। राहर भी 300 क्विंटल आया जो 6000 से 6600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका। वैसे सरकार से गेहूं की एमएसपी साढ़े 19 सौ रुपये क्विंटल के करीब तय कर रखी है पर मंडी में यह आज 1680 के ऊपर नहीं जा पाया।