जनपद पंचायत हनुमना का मामला: श्रुति ट्रेडर्स का लगाया बिल और आहरित कर लिए लाखों की राशि

रीवा | जनपद पंचायत हनुमना में किए गए भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। विकासखण्ड कार्यालय में कार्यरत कम्प्यूटर आॅपरेटर ने खुद की फर्म बनाकर जनपद कार्यालय से लाखों रुपए का फर्जी भुगतान लिया है। इसकी शिकायत भी एसडीएम हनुमना से की जा चुकी है। लिहाजा अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। खास बात यह है कि जिस श्रुति टेÑडर्स संचालक ने सामग्री का बिल दिया है, वह जनपद अध्यक्ष के सगे रिश्तेदार बताए गए हैं।

जनपद पंचायत से लेकर ग्राम पंचायतों तक की गई वित्तीय अनियमितता की खुल रही पोल में माना यह जा रहा है कि जिले में विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता की गई है। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत हनुमना का सामने आया है जिसमें जनपद अध्यक्ष ने सगे रिश्तेदार को वेंडर बनाकर लाखों रुपए की राशि से उपकृत किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस श्रुति ट्रेडर्स फर्म से सामग्री की सप्लाई बताई गई है, उस फर्म का संचालक जनपद का कर्मचारी बताया गया है।

गौरतलब है कि श्रुति ट्रेडर्स नाम की फर्म जो अस्तित्व में भले ही नहीं है, कागजों में पंजीयन कराकर जनपद पंचायत से कई भुगतान प्राप्त कर चुकी हैं। बताया गया है कि उक्त फर्म को किए गए लाखों रुपए के भुगतान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मऊगंज की बड़ी भूमिका बताई गई है। 29 दिसम्बर 2020 को जैलेन्द्र सिंह बन्ना द्वारा एसडीएम को की गई शिकायत में जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, वह चौंकाने वाले हैं।

बगैर जीएसटी नंबर का लगाया बिल
श्रुति ट्रेडर्स बिझौली हनुमना द्वारा  ग्राम पंचायत दुबगवां के सरपंच-सचिव को पेवर ब्लॉक का जो बिल दिया गया है, उसमें जीएसटी नंबर ही नहीं है। जबकि वर्ष 2017 में जीएसटी लागू हो जाने के बाद फर्म का जो बिल दिया जाता है, उसमें टिन नंबर के स्थान पर जीएसटी नंबर होना जरूरी है। श्रुति ट्रेडर्स जो मात्र कागजों में फर्म बनाई गई है, उसके द्वारा सरपंच, सचिव दुबगवां को पेवर ब्लॉक के 19 हजार 400 नग दिया जाना 14.10.2020 को बताया गया है। जिसकी कीमत प्रति पेवर ब्लॉक 10 रुपए बताई गई है और उसकी कुल कीमत 1 लाख 94 हजार रुपए बनाकर उसका बिल काटा गया है।

चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त पेवर ब्लॉक की राशि पंचायत द्वारा जिस श्रुति ट्रेडर्स फर्म को दी गई है, वह अस्तित्व में ही नहीं है। ऐसे में माना यह जा रहा है कि फर्जी बिल दिया जाना गंभीर आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। इस संबंध में जानकारी के लिए सीईओ मऊगंज मूंगाराम मेहरा से जानकारी चाही गई परंतु संपर्क नहीं हो पाया।

जनपद पंचायत हनुमना में व्यापक पैमाने पर प्रशासनिक मद का दुरुपयोग किया गया है। एसडीएम हनुमना के पास की गई शिकायत में बताया गया है कि जिस प्रशासनिक मद का दुरुपयोग मजदूरी भुगतान एवं लंच तथा स्टेशनरी व इलेक्ट्रानिक व्यय में खर्च किया जाना बताया गया है, उसमें जिन लोगों को भुगतान किया गया है उसमें न तो कोई मजदूर हैं और न ही उनके पास किसी तरह की होटल है। न ही स्टेशनरी की दुकान है। ऐसे में इन मदों के नाम पर 1 लाख 14 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान किया जाना बताया गया है।

शिकायत में स्पष्ट किया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जनपद अध्यक्ष ने सुमित सिंह निवासी ग्राम दुगौली, अभिमन्यु सिंह निवासी ग्राम दुगौली एवं रोहित सिंह के नाम पुताई मजदूर, जनरेटर मरम्मत, स्टेशनरी व्यय, इलेक्ट्रानिक्स व्यय एवं अन्य व्यय दिखाकर भुगतान कराया है। वहीं मनोज यादव निवासी ग्राम गेदुरहट को भोजन पैकेट के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है जो गंभीर भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।

जनपद निधि से किए गए खर्च में मनोज यादव को लंच पैकेट के नाम पर 80 हजार, सुमित सिंह प्रिंटिंग कार्य 11 हजार 350 तथा अन्य कार्य में 5500, सावित्री भोजनालय को गणतंत्र दिवस के नाम पर 15 हजार 600, जबकि श्रीधर केवट को वाहन व्यय के नाम पर 25सौ रुपए का भुगतान किया गया है।