मैं भी चाहती हूं टैक्स शून्य फीसदी हो जाए, लेकिन चुनौतियां हैं
भोपाल। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब मुझसे टैक्स ज्यादा लेने को लेकर सवाल पूछे जाते हैं, तो यह सवाल मुझे पसंद नहीं आते, क्योंकि मैं भी चाहती हूं कि टैक्स जीरो फीसदी कर दिया जाए, लेकिन देश के सामने कई चुनौतियां है। इन सबके लिए बजट की आवश्यकता है। हमारे जो वादे हैं, उसके लिए हम दूसरों से पैसे मिलने का इंतजार नहीं कर सकते।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंची। यहां वे भारतीय विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। समारोह में उन्होंने 442 रिसर्च को डिग्रियां दी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए। वित्त मंत्री ने कहा कि चुनौतियों से निपटने के लिए टैक्स की जरूरत है। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई काम करने हैं। हम फंड के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि आज संस्थाने के लिए बड़े गर्व का दिन है। आईआईएसईआर नए-नए विचारों पर काम कर रहा है। आदि शंकराचार्य के समय से केरल के छात्रों ने देश में घूम-घूम कर ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया है। उन्होंने कहा कि काम के साथ ही हमें नए साइंस के क्षेत्र में नए प्रयोग करने की जरूरत है। नई तकनीक के लिए लगातार रिचर्स की जरूरत है। देश में रिन्यूएबल एनर्जी के सेक्टर में बहुत संभावनाएं हैं. सोलर से पैदा होने वाली एनर्जी को भी स्टोर किया जा सकता है।r
लोगों को परेशानी में डाले बिना मेरा काम है राजस्व एकत्रित करना
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के छात्रों से नवाचार करने का आह्वान करते हुए कहा वित्त मंत्री ने कहा कि कि भारत अपनी ताकत के बल पर जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। क्योंकि देश कहीं और से पैसा आने का इंतजार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ बातें नहीं कर रही है। वह अनुसंधान एवं विकास में पैसा लगा रही है। यह पैसा कराधान से आता है। यह मेरा काम है, इसलिए मैं आपको यह बता रही हूं। मेरा काम राजस्व एकत्रित करना है, लेकिन लोगों को परेशानी में डालने के बिना, मैं आपको यह आश्वासन देती हूं, लेकिन, पैसा भी चाहिए क्योंकि हमें अनुसंधान को भी वित्त पोषित करना है।