फर्जी बनाया मस्टर रोल, मेड़ बंधान- खेत-तालाब का ले लिया भुगतान

रीवा | ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों में जमकर फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किए गए लॉक डाउन के बाद राज्य के बाहर या अन्य स्थानों से आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने शासन की मुहिम पर ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक पलीता लगा रहे हैं। लाखों रुपए का दिया गया बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। 

बताया गया है कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में किए जाने वाले कार्यों में प्रवासी मजदूरों को न लगाकर जेसीबी से काम कराया जा रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि मेड़बंधान के लिए भी स्वीकृत की गई राशि में मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा है। जबकि फर्जी मस्टर रोल भरकर सगे संबंधियों का नाम लिखकर फर्जी भुगतान लिया जा रहा है। लगातार ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों में किए जाने वाले जेसीबी के उपयोग की शिकायतें जिला पंचायत में आ रही हैं।

सोमवार को नौबस्ता ग्राम पंचायत के आधा सैकड़ा मजदूरों ने जिला पंचायत में एक लिखित शिकायत दी है जिसमें यह बताया गया है कि ग्राम पंचायत में उन्हें रोजगार तो दिया ही नहीं जा रहा है उनके स्थान पर जेसीबी लगाकर काम कराया जा रहा है। बताया गया है कि अपने सगे संबंधियों का नाम मस्टर रोल में लिखकर भुगतान किया जा रहा है।

मेड़बंधान हुआ नहीं, हो गया भुगतान
जिले के रायपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत भलुहा, लोहदवार, पड़रा, पटना एवं खीरा में मनरेगा के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बताया गया है कि यहां पर मेड़बंधान के लिए किसानों की राशि स्वीकृत की गई है। जबकि उनके खेतों में मेड़बंधान किया ही नहीं गया। लोगों द्वारा बताया गया कि मेड़बंधान के नाम पर दी गई राशि से आधी राशि पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं सरपंच ने ले ली है। जबकि आधी राशि संबंधित किसान को दी गई है।

गौर करने वाली बात यह है कि बगैर मेड़बंधान के मुफ्त में मिली शासन की राशि मिलने की जानकारी भी संबंधित किसान द्वारा नहीं दी जा रही है। यह मामला तो तब सामने आया है, जब जनपद पंचायत के दस्तावेजों को ग्रामीण लोगों ने देखा। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में उन्हें बताया गया कि उक्त पंचायत में एक दर्जन से ज्यादा मेड़बंधान एवं खेत-तालाब के कार्य किए गए हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि यहां पर न तो मेड़बंधान ही हुए हैं न ही तालाब बनाए गए हैं ।